“उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए AI का उपयोग होगा। यह विधायकों की उपस्थिति, चर्चाओं में भागीदारी और मुद्दे उठाने जैसे पहलुओं पर निगरानी करेगा, जिससे पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने एक बड़ी पहल करते हुए सदन की कार्यवाही पर निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग की घोषणा की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से विधानसभा कार्यवाही के दौरान विधायकों की उपस्थिति और उनकी भागीदारी पर AI की नजर होगी।
AI के उपयोग का उद्देश्य:
सतीश महाना ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य विधायकों को सदन की कार्यवाही में अधिक सक्रिय और जिम्मेदार बनाना है। AI तकनीक के माध्यम से विधायकों की उपस्थिति, चर्चाओं में भागीदारी, प्रश्न पूछने और मुद्दे उठाने जैसे पहलुओं का विस्तृत डेटा तैयार किया जाएगा।
AI कैसे करेगा काम:
AI प्रणाली विधानसभा कार्यवाही के दौरान वीडियो और ऑडियो का विश्लेषण करेगी। यह विधायकों की उपस्थिति रिकॉर्ड करने के साथ-साथ उनकी चर्चाओं में सहभागिता, प्रश्न पूछने की आवृत्ति, और मुद्दों को उठाने की सक्रियता पर नजर रखेगी। यह डेटा रिपोर्ट्स के रूप में तैयार किया जाएगा, जो सदन की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाएगा।
विधानसभा की तकनीकी प्रगति:
उत्तर प्रदेश विधानसभा में यह पहली बार है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा। यह कदम भारतीय राजनीति में तकनीकी प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल विधायकों की सक्रियता में सुधार होगा, बल्कि सदन की कार्यवाही अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनेगी।
विधायकों की प्रतिक्रिया:
इस निर्णय पर विधायकों के मिले-जुले विचार हैं। जहां कुछ विधायकों ने इसे सकारात्मक पहल बताया है, वहीं कुछ ने इसे अतिरिक्त दबाव के रूप में देखा है। हालांकि, अध्यक्ष महाना ने स्पष्ट किया कि AI का उपयोग निगरानी के साथ-साथ सुधारात्मक उपायों के लिए किया जाएगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल