फर्रुखाबाद: रविवार तड़के तीन युवक गूगल मैप के सहारे कार से फरीदपुर (बरेली) जा रहे थे। रास्ते में मुड़ा गांव के पास रामगंगा नदी पर स्थित अधूरा पुल दिखाई दे रहा था, लेकिन गूगल मैप पर वह रास्ता सुचारू दिख रहा था। इस भ्रम में आकर युवक आगे बढ़े, जहां पुल पर कुछ ग्रामीणों ने दीवार गिरा रखी थी। इसका पता न चलते हुए, वे पुल से कार गिरने के कारण अपनी जान गंवा बैठे।
इस घटना के बाद पुलिस ने गूगल मैप के क्षेत्रीय अधिकारियों को नोटिस भेजा है और सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है। दातागंज थाने के विवेचक ने गूगल के अधिकारियों को ईमेल के जरिए नोटिस भेजकर पूछा कि क्यों 24 नवंबर को गूगल मैप पर यह रास्ता चालू दिखाया गया, जबकि पुल पर रास्ता बंद था। पुलिस ने इस मामले में गूगल के अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराने की बात कही है।
बताया गया कि गूगल ने घटना के दो दिन बाद मैप से यह रास्ता हटा लिया। वहीं, दातागंज के नायब तहसीलदार छविराम ने लोक निर्माण विभाग के चार अभियंताओं के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया था।
घटना के बाद पुलिस ने यह भी बताया कि युवक कार को तेजी से चला रहे थे और जैसे ही उन्होंने देखा कि पुल हवा में लटका हुआ है, तो ब्रेक लगाए। लेकिन गति अधिक होने के कारण कार 15 मीटर तक घिसटी और फिर पुल से 22 फीट नीचे गिर गई, जिससे तीनों की मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण शॉक बताया गया, हालांकि सिर में चोटें भी पाई गईं।
अब पुलिस गूगल के अधिकारियों से इस संबंध में जवाब तलब कर रही है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।