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भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कई राज्यों में हलचल

 जेपी नड्डा के बाद कौन होगा भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? संभावित नामों पर मंथन

नई दिल्ली।  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। आगामी चुनावों और पार्टी के प्रदर्शन को मजबूत करने के लिए नए प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्षों की नियुक्ति पर जोर दिया जा रहा है।

भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कई राज्यों में हलचल तेज हो गई है। पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव और आगामी चुनावों के मद्देनजर यह प्रक्रिया अहम मानी जा रही है।

महाराष्ट्र भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद राज्य में नए अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है। संभावित नामों में रविंद्र चव्हाण सबसे आगे हैं। चव्हाण डोंबिवली से चौथी बार विधायक हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं।

रविंद्र चव्हाण

गुजरात में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के केंद्रीय मंत्री बनने की संभावना के चलते नए अध्यक्ष का चयन तय है।

देवूसिंह चौहान

संभावित उम्मीदवारों में देवूसिंह चौहान, पूनम माडम, और डॉ. किरीट सोलंकी के नाम चर्चा में हैं।

पूनम माडम

पार्टी नेतृत्व पाटीदार वर्ग से अलग किसी नेता को अध्यक्ष बनाकर संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है।

डॉ. किरीट सोलंकी

पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के संभावित केंद्रीय भूमिका में जाने के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति की संभावना है। अग्निमित्रा पॉल, जो विधायक और प्रदेश महासचिव हैं, का नाम प्रमुख है। महिला चेहरा होने के चलते पार्टी ममता बनर्जी के प्रभाव का सामना करने के लिए उन्हें प्राथमिकता दे सकती है।

अग्निमित्रा पॉल

झारखंड में संगठनात्मक बदलाव की संभावना है। आदिवासी वर्ग को ध्यान में रखते हुए बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नाम पर भी चर्चा हो रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास

विधानसभा चुनावों में हार के बाद मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी अब नए चेहरे की तलाश कर रही है।

भाजपा में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पार्टी संविधान की धारा-19 के तहत प्रक्रिया तय है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय और प्रदेश परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं।

  • उम्मीदवार को कम से कम 15 वर्षों तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य होना चाहिए।
  • नामांकन के लिए कम से कम पांच राज्यों से संयुक्त प्रस्ताव आना अनिवार्य है।
  • राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिकतम दो कार्यकाल (तीन-तीन वर्ष) तक रह सकते हैं।

राष्ट्रीय परिषद:

इसमें पार्टी के सांसद, भूतपूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, और विभिन्न मोर्चों के अध्यक्ष शामिल होते हैं।

भाजपा का संगठन राष्ट्रीय से लेकर ग्राम स्तर तक सात हिस्सों में विभाजित है। इसमें राष्ट्रीय परिषद, प्रदेश परिषद, जिला समितियां, मंडल समितियां, और स्थानीय समितियां शामिल हैं।

1. अटल बिहारी वाजपेयी (1980-86)

2. लालकृष्ण आडवाणी (1986-91, 1993-98)

3. मुरली मनोहर जोशी (1991-93)

4.नितिन गडकरी (2010 -2013 )

5. राजनाथ सिंह (2006-09, 2013-14)

6. अमित शाह (2014-20)

7. जेपी नड्डा (2020-वर्तमान)

भाजपा के संगठनात्मक बदलाव पार्टी की चुनावी रणनीति और जातीय समीकरणों को मजबूती प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह प्रक्रिया न केवल राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन को प्रभावित करेगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसके प्रभाव देखे जाएंगे।

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