नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी नदी जल विवाद पर दिए अपने फैसले को संशोधित करते हुए सोमवार को कर्नाटक सरकार को 20 सितम्बर तक हर दिन तमिलनाडु के लिए 15 हज़ार क्यूसेक की बजाए 12 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार की पानी नहीं छोड़े जाने की मांग को ठुकरा दिया है।कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और यू यू ललित की पीठ ने फैसला सुनाते हुए दक्षिण भारत में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नाराजगी जताई। साथ ही अदालत के फैसले को लागू न करने के लिए कर्नाटक सरकार को फटकार भी लगाई।पीठ ने कहा, “ कोई भी नागरिक अपने आप में कानून नहीं बन सकता। जब अदालत ने कोई फैसला दिया है तो नागरिकों का कर्तव्य है उस आज्ञा का पालन करे। अगर अदालत ने फैसला दिया है , तो या तो उसका पालन करो अथवा संशोधन के लिए अदालत में अपील करो। लेकिन लोग कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते। ”वहीं कर्नाटक सरकार ने कोर्ट को बताया कि तमिलनाडु में पानी की कोई किल्लत नहीं है। इसलिए अदालत अपना फैसला रद्द कर दे।इससे पहले कोर्ट ने 5 सितंबर को कर्नाटक सरकार को आदेश दिया था कि वह अगले 10 दिन तक कावेरी नदी का रोजना 15 हज़ार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को दे। कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद से कर्नाटक के लोगों में नाराज़गी है। जिसको लेकर राज्य में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
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