इलाहाबाद। शिवकुटी थाना क्षेत्र में विगत दिनों अधिवक्ता को गोली मारने वाले दो अपराधियों को अपराध शाखा की इन्टेलीजेन्स एवं शिवकुटी की संयुक्त पुलिस टीम ने रविवार को तेलियरगंज चैराहे के समीप से गिरफ्तार किया। पकड़े आरोपियों के कब्जे से हमले दो तमंचा भी बरामद किया। हालांकि वारदात को अंजाम देने में शामिल रहा एक अपराधी फरार है। उक्त मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अपराध रमाकान्त ने बताया कि हमले की वजह एक आपराधिक मुकदमें से कुछ अपराधियों के नाम निकलवाने का ठेका है। पकड़े गये अपराधियों में नगर के कैन्ट थाना क्षेत्र के राजापुर निवासी अरविन्द कुमार पुत्र संतोष एवं प्रहलाद पुत्र संतोष निवासी उपरोक्त है। जबकि मामले में फरार चल रहे रिंकू निवासी सोरांव थाना क्षेत्र का है। जिसकी तालाश की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 3जुलाई की सुबह कैन्टोमेंट इलाके में बाइक सवार अपराधियों ने अधिवक्ता सुमित पाण्डेय को अज्ञात हमलावर गोली मारकर भाग निकले। इस सनसनी खेज वारदात में अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया और अधिवक्ता हड़ताल पर चले गये। मामले को गम्भीरता से लेते हुए विरष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र सिंह ने मामले की जांच सीओ चतुर्थ दुर्गा प्रसाद एवं इन्टेलीजेन्स प्रभारी जय प्रकाश राय एवं स्वाट टीम के प्रभारी नागेश सिंह को लगाया।
मुखबिर की सूचना पर आज तेलियर गंज के पास शिवकुटी थानाध्यक्ष अरविन्द कुमार त्रिवेदी अपने हमराहियों के साथ पहुंचे और अपराध शाखा की भी टीम पहुंच गयी। टीम दोनों संदिग्ध अपराधियों को हिराशत में लेकर तलाशी शुरू किया तो उनके कब्जे से दो तमंचा बरामद किया। पूंछताछ के दौरान बताया गया कि अरविन्द व उसका भाई प्रहलाद ने अपने दुश्मन बन्टू पर गोली चलायी थी। जिसमें 307 का मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके सम्बन्ध में मेरे भाईयों ने बताया कि पाण्डेय वकील से बात ली है और पचास हजार रूपया खर्च होगा नाम निकल जायेगा। भरोसे पर लेते हुए अधिवक्ता अमित पाण्डेय को सात हजार दिया गया और बाद में रवि ने मिलकर बीस हजार रूपया दिया और तीस हजार बाद में देने की बात हुई थी। लेकिन बाद में पाण्डेय वकील ने यह कहा कि अरविन्द को जेल जाना ही पाड़ेगा, उसके बचाने के चक्कर में प्रहलाद मै तुमको नहीं बचा पाऊॅंगा। साथ ही मेरे भाई लोग चुपके से मुझे जेल भिजवाकर इस परेशानी से मुक्ति पाना चालते थे और मेरे भाई भी चुपचाप पाण्डेय वकील की मदत कर रहें है। इसकी भनक मुझकों लग गयी थी कि वकील साहब मेरे भाई प्रहलाद को तो बचा रहें है लेकिन मुझे नहीं। इसके बाद मैने रिंकू के साथ मिलकर पाण्डेय वकील को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। इसके बाद योजना के तहत पहले वकील से मिलकर सरेण्डर अपली केशन न्यायालय में डाल दिया था। 3जुलाई को बक्सीबांध पर मैं और रिंकू ने बाइक से निकले और नयापुरवा गांव की ओर चल दिये और रास्ते वकील साहब को गोली मारकर भाग निकले। हड़ताल होने की वजह से हाजिर नहीं हो सका।