गिरिराज अब अपने नाम के आगे अपना गोत्र शांडिल्य भी लिखेंगे. गिरिराज ने ट्वीट कर भी इस बात की जानकारी दी. वहीं, गिरिराज के गोत्र लिखने पर संतों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है श्रीरामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि शुभ कार्यों में गोत्र लिखने और बोलने का नियम है, लेकिन हर जगह गोत्र का उच्चारण और लिखने का कोई औचित्य नहीं होता. वहीं, स्वामी परमहंस ने कहा है कि किसी शास्त्र और पुराण में नहीं लिखा कि गोत्र आगे लिखा जाए. ये गिरिराज सिंह की अपनी सोच है, लेकिन ऐसा नियम नहीं बन सकता. गोत्र नाम के आगे रखने से समाज में भेदभाव पैदा होगा.
केंद्रीय मंत्री और नवादा से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद गिरिराज सिंह ने अपने नाम के आगे शांडिल्य लगाने का फैसला किया है. अब वो शाण्डिल्य गिरिराज सिंह कहलाएंगे. अपने मंत्रालय के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे, गिरिराज सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने नाम में गोत्र को शामिल कर लिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले लोग अपने नाम में गोत्र को भी जगह दें.
आपको बता दें कि इससे पहले भी देश में बढ़ती जनसंख्या को लेकर गिरिराज सिंह ने बयान देकर बहस छेड़ी थी. उन्होंने कहा था कि साल 2047 में देश में एक बार फिर विभाजन होगा. उन्होंने कहा था कि अभी तो 35A की बहस पर हंगामा हो रहा है, लेकिन आने वाले वक्त में तो एक भारत का जिक्र करना असंभव होगा. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने उनके इस बयान की निंदा की थी.
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