नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं के साथ बैठक की, जहां उन्होंने आतंकवाद को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया। मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनिया भर के टेरर माड्यूल्स इस देश से संचालित होते हैं। यह देश न सिर्फ आतंकियों को पनाह देता है बल्कि आतंकी मानसिकता भी पालता है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सजा मिले, इनाम नहीं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट में पीएम मोदी के हवाले से लिखा, ‘हमारी आर्थिक खुशहाली के लिए प्रत्यक्ष खतरा आतंकवाद से है, त्रासदपूर्ण है कि इसका मुख्य केंद्र भारत का पड़ोसी देश है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनिया भर के टेरर माड्यूल्स इस देश से संचालित होते हैं, यह देश आतंकवाद की जन्म स्थली (‘मदर शिप’) है। यह देश न सिर्फ आतंकियों को पनाह देता है बल्कि आतंकी मानसिकता भी पालता है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सजा मिले, इनाम नहीं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर बातचीत में इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद इस क्षेत्र के लिए खतरा है, हालांकि चीन ने पाकिस्तान या आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ कदम उठाने को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई।
भारत ने शनिवार को चीन से स्पष्ट तौर पर कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के मुद्दे पर देशों के बीच मतभेद नहीं हो सकते। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित करने की राह में बीजिंग की ओर से अटकाए जा रहे रोड़े पर भी अपनी चिंताएं चीन के सामने रखीं। हालांकि चीन ने अभी तक इसकी पुष्टि नही की है ।
चीन का यह रुख रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बिल्कुल उलट है, जिन्होंने शनिवार दिन में पीएम मोदी से हुई वार्ता के दौरान उरी हमले की निंदा की थी, जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों के हमले में भारत के 19 जवान शहीद हो गए थे।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चीन ने मुख्य मुद्दे के तौर पर आतंकवाद की पहचान की। चीन में भारतीय दूत विजय गोखले ने कहा, पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिंनफिंग इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद क्षेत्र के लिए अभिशाप है। विदेश मंत्रालय ने कहा, संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगवाने के लिए आगे बढ़ने के संबंध में हम चीन से बातचीत कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि चीन को इसमें तार्किकता दिखेगी।
इससे पहले शनिवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात के बाद जारी साझा बयान में कहा गया कि ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे मुद्दों पर दोनों देशों का रुख समान है।’ वहीं भारत ने उरी में सैन्य बेस पर आतंकी हमले की रूस द्वारा पुरजोर निंदा किए जाने की सराहना की है।
पीएम मोदी ने भारत-रूस संबंधों को इंगित करते हुए कहा, ‘एक पुराना दोस्त दो नए दोस्तों से बेहतर है।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और वह आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने पर सहमत हुए हैं।
भारत और रूस ने 39,000 करोड़ रुपये के रक्षा सौदों सहित 16 समझौते किये हैं, जिसमें मास्को से बेहद उन्नत विमानभेदक रक्षा प्रणाली एस-400 ट्रायंफ और भारत में ही कामोव हेलीकॉप्टर बनाने के लिए सौदे शामिल हैं।