नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीका दौरे से लौटे ही मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में बिगड़ते हालातों का जायजा लेते हुए उच्च स्तरीय बैठक की। यह बैठक लगभग दो घंटे तक चली। इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल समेत तमाम वरिष्ठ मंत्री और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि बुरहान वानी एक आतंकवादी था, उसे बड़ा नेता न बनाया जाए। उसे आतंकी के तौर पर ही देखा जाए। पीएम ने कहा कि पत्थरबाजी करने वाले युवाओं से राज्य सरकार निपटेगी। लेकिन सुरक्षा ठिकानांे और सुरक्षा कर्मियों पर हमलों से सख्ती से निपटा जाएगा। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पीएमओ राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री कश्मीर के हालात पर बारीक नजर बनाए हुए हैं और राज्य को हर संभव मदद दी जाएगी। उनका कहना था, प्रधानमंत्री ने कश्मीर के हालात का जायजा लिया और इस संबंध में हम लोगों का मार्गदर्शन भी किया। प्रधानमंत्री ने अमन शांति बनाए रखने की अपील की है और हालात पर चिंता जताई है। खबरों के अनुसार केंद्र सरकार इस पूरे मामले में जम्मू कश्मीर सरकार के रिस्पांस से खुश नहीं है और इस बारे में गृह मंत्री जल्दी ही राज्य सरकार से बात करेंगे। गौरतलब हो कि कश्मीर में पिछले शुक्रवार की रात हिजबुल के कथित कमांडर बुरहान वानी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था जिसके बाद से घाटी में विरोध – प्रदर्शनों का दौर जारी है। इन प्रदर्शनों में अब तक 30 लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों अन्य घायल हो गए हैैं।
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