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केमिकल की बजाए हर्बल रंगों से खेलें होली

1703154832_download_(1)लखनऊ । होली केमिकल युक्त रंगों के बजाए हर्बल रंगों से होली खेलना चाहिए। इस दौरान बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इसलिए जरूरत है कि होली के मौके पर बच्चे के खान-पान से लेकर होली खेलने के तौर तरीकों पर ध्यान रखने की जरूरत है।
बाजार में बिकने से पहले रंग और गुलाल में हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल यह कारोबारी करते हैं। सिंथेटिक रंग, पेंट, वार्निस आदि त्वचा के लिए हानिकारक होते है। यदि ये रंग गलती से आंखों में चले जाये तो उन्हें खराब कर सकते है। त्वचा पर देर तक मलने से कई तरह का बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए रंगों से खेलने से बचे। रंगों की जगह गुलाल का प्रयोग करें।
डा. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. ओमकार यादव ने बताया कि आधुनिकता के दौर में पारंपरिक रंगों का स्थान सिंथेटिक रंगों, पेंट, वार्निस आदि ने ले लिया है। इनमें जहरीले रासायनिक पदार्थ, ऑक्सीकृत धातुएं और औद्योगिक स्तर पर प्रयोग किये जानेवाले रंग मिले रहते हैं। इसका असर त्वचा पर घातक होता है। अबीर-गुलाल में चिकनाहट लाने के लिए इनमें सस्ते पाउडर, खी आदि मिलाये जा रहे हैं। इन सभी का प्रतिकूल प्रभाव हमारी आंखों और त्वचा पर पड़ता है।
त्वचा का रखें ख्याल-
त्वचा रोग की डॉ.निरूपमा सिंह का कहना है कि होली खेलते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि हमारी होली रंगीन बनी रहे। रासायनिक रंगों का इस्तेमाल त्वचा को बदरंग बना देता है। त्वचा पर खरोंच, छिलन और खुजली होती है। तेज रसायन त्वचा की उपरी परत को झुलसा देता है। होली के हुड़दंग में लोग सिर पर गुलाल लगाते हैं।
गीले रंग, पेस्ट, रंगीन पानी आदि से बाल रूखे हो जाते हैं। कभी-कभी तेज रसायन बालों के रंग बदल डालता है। सिर की त्वचा खराब हो जाती है। इससे सिर के बाल झडने और टूटने लगते हैं।
कपूर व नारियल तेल का करें इस्तेमाल-
होली के दिन बदन पर कपूर मिला नारियल तेल लगाएं। इससे शरीर पर चिकनाहट रहने से रंग ज्यादा गहरा नहीं सटता और छुड़ाने में भी आसानी होती है। कपूर रंगों के संक्रमण और एलर्जी से सुरक्षा प्रदानकरता है। रंग खेलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि रंग मुंह और आंख में न जाए। यदि पेंट, कोलतार, वार्निस आदि लगाया गया हो, तो यथाशीघ्र चेहरे से हटा लें।
रंग ऐसे छुड़ाएं, डॉक्टर से सलाह भी लें-
पेंट छुड़ाने के बाद कोई कोल्ड क्रीम, नारियल तेल या बादाम का तेल व्यवहार में लायें। इससे त्वचा में नमी बनी रहेगी। कई बार रंग छुड़ाने के क्रम में त्वचा छिल जाती है या जलन होने लगती है। इसके लिएसाइटोन स्कीन क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। रंग और गंदा पानी त्वचा पर एलर्जी भी पैदा कर सकते हैं। इससे कभी-कभी पूरे शरीर में खुजली और लाल रंग के चकते उभर आते हैं। इसके लिए सेट्रीजेट (10 मिलीग्राम) की एक गोली ली जा सकती है। ज्यादा तकलीफ होने पर डॉक्टर से मिलें।
आंखों को बचाएं, साफ पानी से धुलें-
रंग या अबीर आंखों में चला जाये, तो आंख को साफ पानी से लगातार धोते रहें। आंखों को तब तक धोना चाहिए, जब तक आंख साफ न हो जाये। इसके बाद भी अगर आंखों में जलन हो, तो नेत्र रोग चिकित्सक से संपर्क करें। इस बीच एलसीप्रो आइ ड्रॉप का प्रयोग लाभदायक है। कभी-कभी आंखों में अबीर जाने से कॉर्नियल एब्रेजन (कॉर्निया की सतह छील जाना) हो जाता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से तुरंत दिखाना चाहिए।

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