मेरठ। केवल अस्पताल, डॉक्टर और कमीशनखोर लोग ही आम आदमी का खून नहीं चूस रहे, बल्कि शहर का दूषित खानपान भी लोगों को खतरनाक बीमारी परोस रहा है। खुले में बिक रहा गन्ने व बेल पत्थर का जूस, ठेलियों पर बिक रहे रंग-बिरंगे जहरीले कोल्ड ड्रिंक, कटे फलों की चाट लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। खुले बाजार में बिक रहे इन दूषित खानपान की बिक्री पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) का कोई अंकुश नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारी भी संक्रामक बीमारी फैलाने वाले इन कारकों की ओर से आंख मूंदे बैठे हैं।
गर्मी शुरू होते ही लोगों में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। जाने-अनजाने लोग खुद ही बाहर का दूषित खाना और शीतल पेय पदार्थ पीकर बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं। महानगर की मलिन बस्तियों से लेकर पॉश कॉलोनियों के नुक्कड़ों पर खुलेआम दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री हो रहे हैं। मुख्य मार्गों से लेकर छोटी गलियों तक में इस समय गन्ने के जूस की बिक्री के अड्डे खुले हैं। कई जगह तो गंदगी से बजबजाती नालियों के ऊपर तख्त डालकर गन्ने का जूस बेचा जा रहा है। इसमें साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। खुले में छिले गन्ने पर मच्छर-मक्खी बैठकर लोगों में बीमारी फैला रही है। नुक्कड़ों पर खुले कटे फलों की चाट बेची जा रही है। इसमें भी सड़े-गले फलों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। गर्मी में खराब फलों की चाट खाने से पेट के रोग पैदा हो रहे हैं। इसी तरह से गलियों में ठेलियों पर रंग-बिरंगे कोल्ड ड्रिंक लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर रहे हैं। इन कोल्ड ड्रिंक्स में कैमिकल के साथ-साथ खतरनाक रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक है। खाने के रंग महंगे होने के कारण होली वाले रसायनिक रंग इसमें मिलाए जा रहे हैं। ठंडे बर्फ के गोले वाले भी लोगों को बीमारियां परोस रहे हैं। चाट-पकौड़ी की दुकानें भी बीमारी फैलाने का अड्डा बनी हुई है। एफएसडीए के अधिकारी इस और से आंख मूंदें बैठे हैं।
इनके फैलने का खतरा-
सर्वोदय नर्सिंग होम के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नगेंद्र का कहना है कि खुले में बिक रहे गन्ने का रस पीने हेपेटाइटिस बी, वायरल इंफेक्शन, आंतों का संक्रमण, उल्टी-दस्त की बीमारी हो रही है। लगातार गन्ने का रस पीने से पीलिया हो जाता है। बेल पत्थर का रस शुद्ध नहीं होने से पेट के विभिन्न रोग हो जाते हैं। डाॅ. विश्वजीत बैंबी का कहना है कि सबसे खतरनाक रंग-बिरंगे कोल्ड ड्रिंक्स है। इनके खतरनाक रंग शरीर में जाकर कैंसर, अल्सर, त्वचा रोग आदि खतरनाक बीमारियों को पैदा करते हैं। खाने के रंग महंगे होने के कारण इनका प्रयोग नहीं होता। चाट पकौड़ी, समोसे को तलने में घटिया रिफाइंड का इस्तेमाल होने से गंभीर बीमारी पैदा हो सकती है।
एफएसडीए के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह का कहना है कि गर्मी में खुले में रखे खाद्य पदार्थ खाने से बीमारी पैदा हो जाती है। इनकी बिक्री रोकने के लिए एफएसडीए छापे डालेगा। प्रशासन के सहयोग से शहर में कहीं भी खुले में खाद्य पदार्थ नहीं बिकने दिए जाएंगे।