रायबरेली जिले की सलोन नगर पंचायत अध्यक्ष कार्रवाई को लेकर शासन ने सख्त रुख अपनाया है। नगर अध्यक्ष चंद्रशेखर रस्तोगी का चुनाव के समय दाखिल पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर राज्यपाल के आदेश पर उनके सभी अधिकार सीज कर दिए गए हैं।
एसडीएम चंद्र प्रकाश गौतम ने पुष्टि की कि शासन से प्राप्त आदेश के अनुसार चंद्रशेखर रस्तोगी को 15 दिन का समय दिया गया है, जिसमें उन्हें अपने पक्ष में प्रमाण और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा। जब तक अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक नगर पंचायत अध्यक्ष अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।
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नगर पंचायत अध्यक्ष के फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच की पुष्टि शासन के आदेश संख्या 2088/25 से भी होती है, जो PDF दस्तावेज़ के रूप में उपलब्ध है। इस दस्तावेज़ में राज्यपाल द्वारा प्रदत्त अनुच्छेद 40 (1) के अंतर्गत नगर अध्यक्ष को प्रदान किए गए अधिकारों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इस कार्रवाई के बाद नगर पंचायत और सलोन क्षेत्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। नगर पंचायत के कर्मचारियों और जनता में असमंजस की स्थिति है कि अगली कार्यवाही क्या होगी। वहीं, विपक्षी दलों ने इस निर्णय को शासन का साहसिक कदम बताया है, जबकि अध्यक्ष समर्थकों ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चंद्रशेखर रस्तोगी शासन के समक्ष अपने पक्ष को कितना मजबूत तरीके से प्रस्तुत कर पाते हैं और शासन उनका उत्तर किस रूप में स्वीकार करता है। फिलहाल, यह कार्रवाई सलोन की स्थानीय राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो रही है।
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