नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को उनके ऊपर लिखी एक पुस्तक पर नाराजगी जताई और कहा है कि पुस्तक को प्रकाशित करते समय उनकी अनुमति नहीं ली गई। उनके सचिव दीपक चोपड़ा के मुताबिक पुस्तक के प्रकाशन के समय श्री आडवाणी की अनुमति नहीं ली गई और यह पुस्तक उनकी इच्छाओं के विरुद्ध प्रकाशित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि तीन दशकों तक आडवाणी के असिंस्टेंट रहे श्रीवास्तव ने एक किताब लिखी है, जिसका शीर्षक ‘आडवाणी के साथ 32 साल’ है। इसे दिल्ली के अनिल प्रकाशन ने छापा है, किताब का विमोचन शुक्रवार को होगा।
एक अंग्रेजी दैनिक के मुताबिक इसमें उन्होंने श्री आडवाणी के जीवन से जुड़े कई तथ्यों को उजागर किया है जिसमें प्रमुख हैं कि साल 1989 में लाल कृष्ण आडवाणी नहीं चाहते थे कि गुजरात के गांधीनगर से उनके बेटे जयंत आडवाणी लोकसभा का चुनाव लड़ें, जबकि इस सीट से जयंत के आसानी से जीतने की संभावना थी। किताब में श्री आडवाणी के जीवन से जुड़े कुछ गूढ़ रहस्य हो सकते हैं। कवर पेज पर आडवाणी और विश्वंभर की तस्वीरें लगी हैं।