बहराइच। पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते पिछले तीन दिनों से घाघरा लगातार बढ़ता बना रही है। खौफनाक बनी लहरों से तटवर्ती बाशिंदों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 33 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। निचले सतह पर बसे आधा एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। नदी दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफतार से बढ़ रही है। अगर कुछ घण्टों ऐसी ही स्थिति रही तो नदिया भयावह रूप ले सकती है। प्रशासन द्वारा बाढ़ क्षेत्र के ग्राम वासियों को एलर्ट कर दिया गया है। लगातार तीन दिनों से बढ़ रही घाघरा की लहरें भयावह बन गई हैं। बाढ़ के पानी ने निचले स्तर पर बसे गांव कायमपुर, जर्मापुर, टेपरी, कहारनपुरवा, कोठार, नगेसरपुरवा, राठौरनपुरवा, जोगापुरवा, तारापुरवा, जुगुलपुरवा, छत्तरपुरवा, घूरदेवी, ककरहिया, बहोरवा, भौंरी, सिपहियाहुलास, चरीगाह सहित डेढ़ दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं। सोमवार सुबह घूरदेवी स्थित स्पर पर नदी का जलस्तर 112.500 रिकार्ड किया गया। यहां पर नदी खतरे के निशान से 33 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कई संपर्क मार्गों पर पानी बह रहा है जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतें हैं। लोगों का कहना है कि यदि जलस्तर और बढ़ा तो स्थिति भयावह हो सकती है।
बारिश ने बढ़ाई कटान पीडितों की परेशानी –
महसी गांवों में बाढ़ का पानी भर जाने के बाद हो रही बारिश ने परेशानी और बढ़ा दी है। कटान के मुहाने पर बसे तटवर्ती गांवों के लोगों को गृहस्थी समेटने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गोलागंज निवासी दीनानाथ सिंहए रामफेरन सिंहए अवधेश सिह सहित आधा दर्जन ग्रामीणों के अशियानें कटान के मुहाने पर आ गए हैं। लोग अपने आशियानें उजाड़ घर गृहस्थी का सामान समेट सुरक्षित स्थान पर शरण ले रहे हैं। तोड़ रहे आशियानों की ईंटों को तटबंध तक पहुंचाने के लिए नाव ही सहारा बचा है। फिलहाल बारिश में कटान पीडितों को गृहस्थी समेटने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
क्या है प्रशासन की तैयारी –
अपर जिलाधिकारी विद्याशंकर सिंह ने बताया कि बाढ़ की पूरी तैयारियां कर ली गई है। बाढ़ से निपटने के लिए 325 नावें मंगाई गई है। 26 बाढ़ चैकियां बनाई गई है।