नई दिल्ली। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में शुरु हुए तनाव व हिंसा के बीच उत्तर प्रदेश के छह विधायकों को वहां के एक होटल में नजरबंद कर दिया गया। तीन दिन तक इन विधायकों को होटल की खिड़की से बाहर झांकने तक की इजाजत नहीं थी। कश्मीर में हिंसा के बीच जिस होटल में विधायकों को नजरबंद किया गया था उसी होटल के बाहर उग्रवादी आतंकियों की लाश रखकर प्रदर्शन कर रहे थे। घाटी जाने वाली विधायकों की टीम में शामिल उत्तर प्रदेश स्थित भोजीपुरा के विधायक शहजिल इस्लाम ने राजधानी दिल्ली पहुंचकर आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि कश्मीर की लेखा समिति का अध्ययन करने के लिए यूपी की स्थानीय निधि लेखा परीक्षा समिति घाटी गई थी। समिति में उनके साथ फरीदपुर विधायक सियाराम सागर, कानपुर के किदबई नगर सीट से विधायक अजय कपूर, महोबा के विधायक राज नारायण बुधौलिया, खीरी के बाला प्रसाद अवस्थी, शहाजहांपुर की कटरा से विधायक राजेश यादव शामिल थे। उन्होंने बताया कि जिस दिन वह सभी कश्मीर पहुंचे वहां काफी बवाल हो रहा था। वहां पहुंचकर पता चला कि हिजबुल के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद लोग उग्र प्रदर्शन कर रहे थे। शहजिल ने बताया कि उन लोगों को श्रीनगर के होटल ग्रांड मुमताज में ठहराया गया था। जैसे ही प्रदर्शनकारियों को होटल में विधायकों के ठहरने की जानकारी हुई तो बवाल और भड़क गया। उग्रवादी अपने साथियों की लाश होटल के बाहर रखकर प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद कश्मीर के एडीजी ने तुरंत ही समिति में शामिल सभी विधायकों को सुरक्षा घेरे में ले लिया और होटल के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए। शहजिल ने बताया कि विधायकों ने दहशत में तीन दिन गुजरे और बाहर झांका तक नहीं। सभी विधायकों को एक कमरे में रखा गया था। फोन और नेट की सेवा ठप हो गई थी। सोमवार को हमें श्रीनगर से जम्मू लाया गया। मंगलवार को दोपहर एक बजे जम्मू से फ्लाइट दिल्ली के लिए उड़ी। घाटी के हालात बहुत खराब हैं। वहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो रही हैं।