नई दिल्ली। हरित क्रान्ति के जनक डा. एम. एस. स्वामीनाथन ने मंगलवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईएआरआई) के परिसर में चौथे अंतरराष्ट्रीय कृषि विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया।
सम्मेलन में प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. आर.एस. परोदा, डॉ पॉल फिक्सर, डॉ जॉन डिक्सन, डॉ. गुरबचन सिंह, डॉ. त्रिलोचन महापात्र सहित 22 देशों के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
सम्मेलन का मुख्य विषय भूख समाप्त करने की चुनौती से निपटने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का न्यूनतम दोहन कर अनुसंधान की भावी रणनीति तैयार करना है। इसमें जलवायु परिवर्तन, भविष्य में पानी के संभावित अभाव और इसकी गुणवत्ता में गिरावट, मिट्टी की उर्वरता में कमी आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
चार वर्ष पूर्व इस प्रकार का सम्मेलन नवम्बर 2012 में दिल्ली में ही हुआ था। इस सम्मेलन का आयोजन देश में कृषि वैज्ञानिकों के सबसे बडे व्यावसायिक वैज्ञानिक निकायों में से एक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से हो रहा है।
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