लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने सरोजनी नगर क्षेत्र में कतिपय तकनीकी समस्या से कई घंटे बिजली की आपूर्ति न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब कर 24 घण्टे के अन्दर जांच कर आख्या देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ शहर में किसी भी क्षेत्र में कई घंटे बिजली की आपूर्ति न होना गंभीर बात है। प्रकरण की जांच कर यदि किसी अधिकारी ने लापरवाही की है तो उसे चिन्हित कर दंडित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को सार्वजनिक अवकाश का उपभोग न कर जनता को आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकताओं में होना चाहिये।
मुख्य सचिव ने रविवार का सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद भी अपना कार्यालय खुलवाकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि बिजली विभाग द्वारा पिछले चार वर्षों में सराहनीय कार्य कर विद्युत उपलब्धता में अभूतपूर्व दो गुनी वृद्धि कराकर विगत मई 2016 से 15.553 मेगावाट विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है जबकि मार्च 2012 में मात्र 7812 मेगावाट विद्युत ही उपलब्ध हो रही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा 183 तहसील मुख्यालयों पर 33 नये उपकेन्द्रों का निर्माण कराने के साथ-साथ विजन 2016 के अन्तर्गत 33.11 केवी के 556 उपकेन्द्रों का निर्माण तथा 850 उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि पर युद्धस्तर पर कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर से विद्युत पारेषण की क्षमता वर्ष 2012 के सापेक्ष 5200 मेगावाट को बढ़ाकर 8200 मेगावाट की गई है जिसे अक्टूबर 2016 तक 9200 मेगावाट कराये जाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की कार्यवाही युद्धस्तर पर की जा रही है। श्री सिंघल ने कहा कि विद्युत विभाग के सराहनीय कार्यों को दृष्टिगत रखते हुये विद्युत विभाग के अन्य अधिकारी भी संभावित तकनीकी खराबियों पर समय से विशेष ध्यान रखकर यथाशीघ्र आवश्यक समाधान प्राथमिकता से कराना सुनिश्चित करें ताकि आम नागरिकों को उनकी सुविधानुसार विद्युत आपूर्ति विभाग द्वारा प्राप्त होती रहे।