नई दिल्ली। देश के श्रम कानूनों में हुए बदलावों के खिलाफ और बेहतर वेतन समेत कुल 12 मांगों को लेकर शुक्रवार को 10 ट्रेड यूनियनों के करीब 15 करोड़ श्रमिकों की एक दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। इस देशव्यापी हड़ताल से बैंकिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और टेलीकॉम जैसी जरूरी सेवाओं पर असर पड़ने की आशंका है। देश के सबसे बड़े श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ ने इस एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
राजधानी दिल्ली और एनसीआर में सुबह के समय हड़ताल का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया लेकिन देश के दूसरे राज्यों में इसका असर सुबह से ही दिखाई देना शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में श्रमिक हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश रोडवेज ने दोपहर 12 बजे तक चक्का जाम का ऐलान किया है। उत्तरांखड में भी दोपहर तक रोडवेज बसें नहीं चलेंगी। रोडवेज की तीनों प्रमुख कर्मचारी यूनियन रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन समेत उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने अपना समर्थन हड़ताल को दिया है।
बेंगलुरु में ट्रेड यूनियन हड़ताल के कारण स्कूल और कॉलेज आज बंद कर दिए गये हैं। केरल में ट्रेड यूनियन की हड़ताल के कारण बसों का परिचालन नहीं होने पर यात्रियों को दिक्कत पेश आ रही है।
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एनबीएसटीसी की एक बस में तोड़फोड़ की। पश्चिम बंगाल स्थित सिलिगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य को 15 समर्थकों सहित गिरफ्तार कर लिया गया है।