
बिहार : हड़ताल में शामिल श्रमिक संगठनों की आपत्ति बीमा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियमों के शिथिल करने को लेकर है। घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करने की योजना का भी श्रमिक संगठन विरोध कर रहे हैं। ट्रेड यूनियन सरकारी पेंशन फंड और स्टॉक मार्केट में अधिक पैसा लगाने के सरकार के दिशानिर्देशों का भी विरोध कर रही हैं। सेंट्रल ट्रेड यूनियन का कहना है कि यह हड़ताल सरकार की ओर से उनकी 12 मांगों के प्रति उदासीनता की वजह से की जा रही है। इसमें मासिक न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए और न्यूनतम मासिक पेंशन के 3000 रुपए करने की मांग शामिल है। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सरकार श्रमिक संगठनों और केंद्र के बीच सामंजस्यपूर्ण कामकाजी संबंध स्थापित करना चाहती है। दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय आज न्यूनतम मजदूरी के मामले पर उप राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
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