तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर कंपनी को लेकर चल रहा विवाद अब दिल्ली हाई कोर्ट पहुँच चुका है. दिल्ली उच्च अदालत इस प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के मामले में सुनवाई करने वाली है. जस्टिस राजवी शकधर की पीठ ने एनएचआरसी को 29 मई को केस सुनकर इस पर अपनी ओर से उचित कार्रवाई करने को कहा है. दिल्ली अदालत ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पुलिस कार्यवाही के दौरान हुई मौतों के मामले में सुनवाई करने का आदेश दिया है.
वकील ए. राजाराजन ने इस मामले को लेकर दिल्ली की उच्च अदालत में याचिका दायर की है, याचिका में बताया गया है कि उन्होंने एनएचआरसी को 23 मई को ही एक ज्ञापन देकर इस तरह गैरकानूनी रूप से की गई हत्याओं में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने की भी मांग की थी, लेकिन एनएचआरसी ने उनके ज्ञापन पर विचार करने से इनकार कर दिया. याचिका में वकील ने कहा है कि एनएचआरसी ने इस पुरे मामले में सिर्फ तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट देने को कहा है, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी गहन जांच की जानी चाहिए.
आपको बता दें कि तूतीकोरिन में प्रदर्शन के दौरान मरने वालों की संख्या अब 13 तक पहुँच गई है, वहीं इस मामले को लेकर अब तमिलनाडु की सियासत भी गर्म हो गई है, तूतीकोरिन मामले पर तमिलनाडु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को भी हिरासत में लिया गया था.इस मामले पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी का कहना है कि, ‘स्टाआलिन बवाल की नीयत से आए थे. वो पब्लितसिटी के लिए ड्रामा कर रहे थे.’
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