जगदलपुर। ओडि़शा छग में महानदी बेसिन में निर्मित और निर्माणाधीन बैराज को लेकर एक ओर जहां आपत्ति जता रहा है, वहीं यहां बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी की सहायक नदी तेलांगिरी में बांध का निर्माण कर इंद्रावती के लिए नया खतरा भी पैदा कर चुका है। तेलांगिरी में बनने वाले बांध में करीब 2.623 टीएमसी पानी रोकने की तैयारी है। ओडि़शा के कोरापुट जिले के बिंधानीगुड़ा में तेलांगिरी नदी में बांध का निमार्ण कार्य करीब अस्सी फीसदी पूरा हो गया है और अगले साल तक यह बनकर पूरा हो जाएगा, इसके बाद अन्तर्राज्यीय समझौते के अनुरूप छग को 47.80 टीएमसी पानी मिल पाएगा, इसे लेकर अभी से संदेह पैदा हो गया है। संदेह इसलिए भी जताया जा रहा है क्योंकि पिछले एक दशक में 2009 और 2011 दो ऐसे साल रहे हैं, जब समझौते के मुताबिक ओडि़शा सीमा पर इंद्रावती नदी में जल की निर्धारित मात्रा नहीं मिली थी। इस बात का पता जलसंसाधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन को तब चला जब केन्द्रीय जल आयोग के हैदराबाद सेंटर से इंद्रावती के जलबहाव के आंकड़े मंगाए गए। छत्तीसगढ़ शासन से ओडि़शा ने तेलांगिरी में मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माण के लिए अभिमत मांगा था। छत्तीसगढ़ शासन ने अभिमत भेजकर स्पष्ट किया है कि तेलांगिरी में बांध बनने से इंद्रावती नदी में समझौते के अनुरूप पानी मिलने को लेकर संशय बढ़ेगा फिर भी ओडि़शा बांध का निर्माण जारी रखे हुए है। तेलांगिरी में बांध बनकर तैयार होने पर 7440 हेक्टेयर मीटर पानी बांध में रोक लिया जाएगा बांध की लंबाई 1192 मीटर, उंचाई 43 मीटर और चौड़ाई 06 मीटर रखी गई है, अभी यह पूरा पानी इंद्रावती नदी में आता है। ओडि़शा में सूतपदर के पास अपने ही सहायक नाले जोरा में समाहित हो रहा इंद्रावती का पानी आधा-आधा बांटने का समझौता कर कंट्रोल स्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है जो पूरा लगभग पूरा होने के करीब है। तेलांगिरी में बांध बनने के बाद इंद्रावती-जोरा नाला संगम में पानी ही कम आएगा तब गैरमानसून सीजन में आधा-आधा पानी कैसे बांटा जाएगा, इसे लेकर अधिकारी माथापच्ची में अभी से जुट गए हैं।ओडि़शा के नवरंगपुर जिले में इंद्रावती नदी पर खातीगुड़ा बांध का निर्माण कर पहले ही 91 टीएमसी पानी रोक लिया गया है। इसके डाउन स्ट्रीम में पानी का बहाव नहीं के बराबर है। बस्तर सीमा पर इंद्रावती-जोरा नाला संगम तक जो पानी इंद्रावती नदी में बहकर आता है वह मुख्यत: तेलांगिरी नदी का है तेलांगिरी नदी जोरा नाला संगम से 26 किलोमीटर अपस्ट्रीम में इंद्रावती नदी में मिलती है। ओडि़शा जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इंद्रावती नदी की एक अन्य नदी तुरी मेंं भी बांध बनाने की तैयारी ओडि़शा कर रहा हैरोका 91 टीएमसी पानीइंद्रावती नदी ओडि़शा के कालाहांडी से निकलकर 174 किलोमीटर बहने के बाद बस्तर में प्रवेश करके यहां 233 किलोमीटर बहकर बीजापुर जिले के भद्रकाली के समीप गोदावरी नदी में मिल जाती है । उद्गम स्थल से लेकर बस्तर सीमा तक इंद्रावती नदी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 5192 वर्ग किलोमीटर है इस क्षेत्र से 204 टीमएसी पानी इंद्रावती में प्रवाहित होने का आकलन किया गया है जिसमें से 2610 वर्ग किलोमीटर जलग्रहण क्षेत्र का पानी खातीगुड़ा बांध में समाहित हो गया है।
बस्तर सीमा तक शेष जलग्रहण क्षेत्र 2582 वर्ग किलोमीटर में 113 टीएमसी जलप्रवाह बनता है इसमें तेलांगिरी में बांध बनने से 2.623 टीएमसी रोका जाएगा, इसके बाद शेष 110 टीएमसी पानी जोरा नाला संगम तक बहकर आएगा जिसमें 47.80 टीएमसी पानी छग को देनें का समझौता है । जलसंसाधन विभाग छग शासन के अधिकारियों को शंका है कि तेलांगिरी बांध बनने के बाद समझौते अनुरूप पानी हर साल नहीं मिल पाएगा अधीक्षण यंत्री इंद्रावती परियोजना मंडल कार्यालय से मुख्य अभियंता छग शासन को इसी शंका को दर्शाते हुए अभिमत भी भेजे जाने की खबर है। अतंर्राज्यीय समझौते के अनुसार ओडि़शा सीमा पर बस्तर की ओर इंद्रावती नदी में 45 टीएमसी और सीमा से जगदलपुर तक 28 टीएमसी को मिलाकर साल भर में 4,780 टीएमसी पानी मिलना है।