नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने रविवार को विवादस्पद इस्लामिक धर्मउपदेशक जाकिर नाइक को नसीहत देते हुए कहा है कि वह स्वयं को देश के मुसलमानों का नेता न समझें। युवाओं में धार्मिक कट्टरता पैदा करने के आरोपों से घिरे विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के शनिवार को भारतीयों के नाम पत्र लिखकर अपने खिलाफ हो रही कानूनी कार्रवाई को देश के मुसलमानों से जोड़ने की कोशिश की थी।
श्री नायडू ने कहा, “ क्या जाकिर नाइक स्वयं को सभी भारतीय मुसलमानों का मुखिया समझते हैं? वह केवल एक आम आदमी हैं और कुछ नहीं। उन्हें खुद पर लगे आरोपों का जवाब देना होगा। मुसलमानों का उससे कोई लेना–देना नहीं है।’’
वहीं गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने भी कहा है कि नाइक मुसलमानों के नेता नहीं है। धर्म या जाति के आधार पर वह अपने कारनामों पर पर्दा नहीं डाल सकते। नाइक ने चार पन्नों के एक खुले पत्र में कई सवाल पूछे थे। नाइक ने पूछा था कि ‘आतंकी उपदेशक’, ‘डॉ आतंक’ के तमगे के लिए उन्होंने क्या किया। इसके साथ ही नाइक ने कहा, “ मुझ पर हमला भारतीय मुसलमानों पर हमला है।” दूसरी ओर राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) द्वारा चंदा दिए जाने के मामले पर रिजिजू ने कहा कि इसकी जानकारी सरकार को पहले से ही थी लेकिन वह राजनीति नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा है कि हम किसी धर्म या जाति देखकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।
उल्लेखनीय है कि नाइक एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) ने साल 2011 में राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को 50 लाख रुपए की डोनेशन दी थी। इस खुलासे के बाद से भाजपा इसे राष्ट्रविरोधी बता रही है, वहीं कांग्रेस का आरोप है कि सत्ता में बैठे लोग मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ रहे हैं।
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