नई दिल्ली। वित्तीय लेन-देन के लिए बेहद जरूरी माने जाने वाले पैन कार्ड का ताल्लुक सिर्फ आयकर विभाग तक ही सीमित नहीं होता है, बल्कि यह अन्य जरूरी कामों में भी आपकी मदद करता है। भारत सरकार का टैक्स विभाग जिस पैन यानि कि पर्मानेंट एकाउंट नंबर को जारी करता है वह बैंक में खाता खुलवाने से लेकर नया टेलीफोन कनेक्शन लेने तक में जरूरी होता है।
यदि आप पब्लिक, प्राइवेट, को-ऑपरेटिव या अन्य किसी बैंक में एकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो पैन कार्ड की फोटो कॉपी अनिवार्य होती है। हालांकि, हाल में लॉन्च राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन जैसे कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत एकाउंट खुलवाने के लिए वोटर आईडी प्रमाण, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कैर्ड, आधार कार्ड यूनिक आईडी या फिर नरेगा का जॉब कार्ड (राज्य सरकार की ओर से प्रमाणित हो) इनमें से किसी भी एक की जरूरत होती है।
जब भी आप क्रेडिट या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो पैन कार्ड पर दिए गए नंबर को स्पष्ट करना अनिवार्य होता है। इसके न बताने पर आपका आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है। क्रेडिट कार्ड एप्लिकेशन के रिजेक्ट होने पर भविष्य में लोन, क्रेडिट कार्ड आदि लेने में मुश्किलों का सामना करता पड़ता है। साथ ही यह क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (ष्टक्चष्ठञ्ज) के मुताबिक यदि इंश्योरेंस पॉलिसी धारक का सालाना प्रीमियम 50,000 रुपए से अधिक है तो उसके लिए पैन की जानकारी उपलब्ध कराना अनिवार्य है। अगर आप किसी भी वाहन, जिसकी कीमत 5 लाख रुपए से अधिक है, कि खरीदारी या बिक्री की योजना बना रहा हैं तो आपको बता दें कि इसके लिए पैन कार्ड की कॉपी जमा कराना जरूरी है।