वाराणसी के रवींद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय से करीब सौ मीटर दूर लेन नंबर 17 में दवा एजेंट अमर सिंह (35) की गोली मार कर हत्या कर दी गई। वारदात शनिवार रात करीब दो बजे हुई। पत्नी रीना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन हत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई। तीन दोस्तों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
साथ ही, अमर के मोबाइल की कॉल डिटेल और उसके घर के आसपास लगे सीसी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है। पुलिस ने मौके से शराब की एक खाली बोतल, एक आधी बोतल और शराब से भरे तीन गिलास बरामद किए हैं। रवींद्रपुरी कॉलोनी स्थित लेन नंबर 17 निवासी डॉ. रवींद्र साह के मकान में तीसरे तल पर बिहार के सासाराम जिले के फैजलगंज का मूल निवासी अमर, पत्नी और तीन बेटों के साथ रहते थे।
रीना के अनुसार, रात करीब साढ़े नौ बजे अमर के दो दोस्त शराब और मुर्गा लेकर आए। सभी साथ खाने-पीने लगे। रात करीब साढ़े 11 बजे रीना ने एतराज जताया तो अमर ने कहा कि तुम सो जाओ, दोस्तों के जाने के बाद मैं भी सो जाऊंगा। रात पौने दो बजे कमरे में शोरशराबा हुआ और फिर माहौल सामान्य हो गया। इसके बाद गोली चलने की आवाज सुनकर रीना भाग कर अमर के कमरे में पहुंची।
रीना के अनुसार, दोनों दोस्त सीढ़ियों से नीचे भाग रहे थे और अमर कुर्सी पर पड़ा था। शोर मचाते हुए रीना ने सौ नंबर पर कॉल की तो पुलिस पहुंची। अमर को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के अनुसार, अमर के सिर के पिछले हिस्से में .32 बोर की पिस्टल से गोली मारी गई है। सीओ भेलूपुर सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने वाले अमर के दोस्त थे। पत्नी उनका नाम नहीं जानती है, लेकिन वो उन्हें पहचान जाएगी, इसका दावा उसने किया है। कॉल डिटेल और सीसी फुटेज के आधार पर जल्द ही वारदात की गुत्थी सुलझा ली जाएगी।
पीएम और सीएम के आने से पहले वारदात से मचा हड़कंप
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के शहर आने से पहले हुई वारदात से पुलिस और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है। 31 अक्तूबर को जेएचवी मॉल में दिनदहाड़े की गई दो की हत्या में वांछित 50-50 हजार के इनामी ऋषभ सिंह और कुंदन सिंह पुलिस के लिए पहले से ही चुनौती बने हुए हैं।
वहीं, जगतगंज में की गई दुकानदार सतीश राय की हत्या के मामले में पुलिस अब तक वजह भी स्पष्ट नहीं कर सकी है। रोहनिया क्षेत्र के कचनार स्थित स्कूल के दिव्यांग चौकीदार सुभाष पटेल की हत्या की गुत्थी भी अनसुलझी है
दिवाली पर मिठाई लेकर आए थे दोनों दोस्त
रीना के अनुसार, अमर के साथ शराब पीने वाले उसके दोस्त दिवाली के दिन मिठाई लेकर घर आए थे और रात का खाना खाकर गए थे। इसके बाद दोनों लगातार घर आने-जाने लगे। आसपास के लोगों का कहना है कि जब गोली चली तो उन्होंने सोचा कि किसी ने पटाखा छोड़ा है। रीना की चीख पुकार सुनकर फ्लैट से बाहर आए तब घटना का पता चला। हालांकि वारदात के संबंध में कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था। रविवार सुबह अमर के घर के पास भीड़ जुटी रही।
छोटे भाई बोले- अमर की किसी से नहीं थी रंजिश
अमर की हत्या की सूचना पाकर उसके गांव से दो छोटे भाई राना सिंह और कुंवर सिंह रविवार को बीएचयू पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। दोनों ने बताया कि मां-बाप की मौत हो चुकी है। अमर लगभग दस साल से बनारस में रह रहा था। अमर के किसी से विवाद या रंजिश की बात सामने नहीं आई थी। उधर, रीना और उसके तीनों बेटों कार्तिक, आदित्य और अर्जुन का रो-रोकर बुरा हाल था।
दवा दिलाकर कमीशन लेता था अमर
अमर के मोबाइल को पुलिस ने कब्जे में लिया है। कॉल रिकॉर्डिंग और एसएमएस से पुलिस को पता चला है कि अमर बिहार से आने वाले मरीजों को बीएचयू, लंका, सुंदरपुर, भिखारीपुर और भेलूपुर क्षेत्र के डॉक्टरों को दिखाता था। उनकी दवा और जांच निर्धारित मेडिकल स्टोर और पैथालॉजी से करा कर कमीशन लेता था। यही अमर की आजीविका का आधार था।