नई दिल्ली। लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को लागू करने के संबंध में होने वाली बीसीसीआइ की एसजीएम में अनुराग ठाकुर के हलफनामे को लेकर चर्चा होगी। बीसीसीआइ की यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाने से दो दिन पहले होगी। सुप्रीम कोर्ट इस केस का फैसला सोमवार को सुनाएगा जबकि बीसीसीआइ की यूनिटों की बैठक शनिवार को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने ठाकुर से कहा है कि वह एक हलफनामा दायर करें कि उन्होंने आइसीसी को ऐसा खत लिखने को कहा था कि लोढ़ा कमिटी की सिफारिशें सरकार का हस्तक्षेप बढ़ाने वाली हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आइसीसी चीफ डेव रिचर्डसन के हवाले से कहा गया था कि बीसीसीआइ की ओर से उनसे इस तरह का खत लिखने की मांग की गई थी।
इसके अलावा बीसीसीआइ की बैठक में एक राज्य एक वोट की सिफारिशों और तीन साल के कार्यकाल के बाद तीन साल तक आराम करने जैसे पहलुओं पर भी चर्चा हो सकती है। हालांकि कई राज्य एसोसिएशनों का मानना है कि छह साल के दो कार्यकालों के बाद तीन साल का रेस्ट पीरियड रखा जाए।
बीसीसीआइ की कानूनी टीम इस हलफनामे को तैयार करने में जुटी है । जानकारी के अनुसार इसमें अनुराग ठाकुर की ओर से कहा जाएगा कि उन्होंने केवल बीसीसीआइ के पूर्व चीफ शशांक मनोहर के लिखे हुए खत का फॉलो-अप किया था, जिसमें मनोहर ने कहा था भारत में क्रिकेट की शीर्ष संस्था में कैग के प्रतिनिधियों की नियुक्ति से हस्तक्षेप बढ़ेगा।
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