नईदिल्ली: आए दिन सूखे और बाढ़ की मार से किसानों की फसल खराब हो रही है जिसके चलते किसान suiside कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया।
इन आत्महत्याओं के पीछे क्या कारण है, इसे पता लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्यों के अलावा रिजर्व बैंक और केंद्र शासित प्रदेशों को भी नोटिस जारी किया है।
चीफ जस्टिस जे।एस। खेहड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने गुजरात के किसानों के आत्महत्या का मामला पेंडिंग था। केंद्र सरकार और राज्यों से 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा गया है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि यह देश भर के किसानों से जुड़ा व्यापक मामला है और बेहद संवेदनशील है।
सुप्रीम कोर्ट सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्यों से पूछा है कि वे क्यों नहीं किसानों की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय नीति बना रहे हैं। कोर्ट ने सरकार से फसल बीमा को लेकर उठाए गए सभी कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान लोन नहीं चुका पाते। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में एक एनजीओ की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि गुजरात में 2003 से लेकर 2013 तक एक दशक में 619 किसानों ने आत्महत्या की है। केंद्र सरकार ने पिछले साल राज्यसभा में कहा था कि देश भर में 2014 में 5650 किसानों ने आत्महत्या की है।
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