Friday , October 11 2024

भारत की बेटी गीता को पनाह देने वाले सत्तार ईदी का निधन

giनई दिल्ली। भारत से भटक कर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारत की बेटी गीता को पनाह देने वाले मशहूर सत्तार ईदी (88 वर्ष) का शुक्रवार को कराची में निधन हो गया। ईदी ने ही मूकबधिर गीता को करीब 11-12 साल तक दुश्मन माने जाने वाले मुल्क पाकिस्तान के ईदी फाउंडेशन में पनाह दी थी। अब्दुल सत्तार ईदी और बीवी बेगम बिलकिस ईदी पाकिस्तान के ईदी फाउंडेशन के अध्यक्ष थे। ईदी फाउंडेशन पाकिस्तान और विश्व के कई देशों में कार्यरत है। पति-पत्नी को सम्मिलित रूप से 1986 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें लेनिन शांति पुरस्कार भी दिया गया है। गिनीज वर्ल्ड बुक के अनुसार ईदी फाउंडेशन के पास संसार की सबसे बड़ी निजी एंबुलेंस सेवा है।2013 में ईदी की किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। खराब सेहत की वजह से उनका ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सका। सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसप्लांटेशन में उनका इलाज चल रहा था। ईदी साहब का जन्म गुजरात के जूनागढ़ जिले के बांटवा गांव में हुआ था। आजादी के बाद हुए बंटवारे में वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए।ईदी साहब की मौत की खबर सुनते ही गीता अवाक रह गई। ईदी साहब की पत्नी बिलकिस बानो का गीता से खास लगाव था। उन्होंने ही बच्ची को गीता नाम दिया और संस्था में उसके लिए एक मंदिर बनवाया। उन्हीं ने भारत की गीता को भारत को लौटाने की पहल भी की थी। जिसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों के बाद गीता स्वदेश वापस आई। अभी गीता इंदौर के मूक बधिर संस्थान में डॉ ऊषा पंजाबी के साथ रह रही हैं।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com