अपने मतभेदों को विवाद का कारण न बनाकर भारत और चीन उन्हें संवेदनशीलता और परिपक्वता से संभाल रहे हैं। यही कारण है कि सीमाई इलाकों में शांति बनी हुई है। ये बातें मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेइ फेंग से मुलाकात के दौरान कही।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, मंगलवार को चीन के स्टेट काउंसिलर और रक्षा मंत्री जनरल वेइ फेंग ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस दौरान मोदी ने भारत-चीन संबंधों को वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कारक भी बताया।
उन्होंने सैन्य और रक्षा के साथ सभी क्षेत्रों में भारत-चीन के बीच उच्च स्तर पर बढ़ती बातचीत की भी प्रशंसा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वुहान, किंगदाओ और जोहानिसबर्ग में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया। फेंग की चार दिवसीय भारत यात्रा मंगलवार से शुरू हुई है। 73 दिनों तक चली दोकलम तनातनी के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क सुधारने और अच्छा माहौल तैयार करने के लिहाज से उनकी इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वुहान फैसले को लागू करना उद्देश्य
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, वेइ के दौरे का प्राथमिक उद्देश्य इस साल अप्रैल में वुहान में मोदी और शी के अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए निर्णयों पर भारतीय रक्षा प्रमुखों से चर्चा करना है। इसमें आपसी विश्वास बढ़ाने और दोकलम जैसे विवादों से बचने सहित अन्य मुद्दे शामिल थे। इस सम्मेलन में मोदी और शी ने अपने संबंधों के लिए नया अध्याय शुरू करने का फैसला किया था। उन्होंने सेनाओं को सीमा पर सहयोग बढ़ाने का भी आदेश दिया था।
आज सीतारमण से मुलाकात
बुधवार को वेइ रक्षा मंत्री सीतारमण के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। वेइ चीनी स्टेट काउंसिल में एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। स्टेट काउंसिल चीन के केंद्र सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कार्यकारी अंग है।
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