नई दिल्ली। मणिपुर विधानसभा चुनाव 2017 में नंबर दो पर रहने के बावजूद सरकार बनाने में कामयाब रही भारतीय जनता पार्टी सोमवार को सदन में हुई अग्निपरीक्षा में कामयाब हो गई और ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव जीत लिया है।
60 सदस्यों वाली विधानसभा में 33 विधायकों ने उनकी सरकार को समर्थन दिया। साथ ही बीजेपी के यमनम खेमचंद सिंह को विधानसभा का स्पीकर चुना गया है। बिरेन सिंह ने 16 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। मणिपुर में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी है।
इसके पहले बीजेपी ने गुरुवार से ही एक निर्दलीय और एक तृणमूल कांग्रेस के विधायक समेत अपने सभी विधायकों को गुवाहाटी के एक होटल में रखा हुआ था। बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री बिरेन सिंह को मिलाकर कुल दो बीजेपी विधायक ही मंत्री बनाए गए हैं जबकि एनपीपी के चार, एनपीएफ, एलजेपी के एक-एक और बीजेपी में शामिल होने वाले एक कांग्रेस विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 21 सीटें जीती थीं और वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन छोटी पार्टियों और निर्दलीयों की मदद से उसने मणिपुर में अपनी पहली सरकार बना ली। 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ा दल बनी कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई। बता दें कि 11 मार्च को आए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया था कि बीजेपी पांच में से चार राज्यों में सरकार बनाएगी। गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ा दल न होने के बावजूद दोनों राज्य बीजेपी की झोली में चले गए।
यूएनसी की आर्थिक नाकेबंदी खत्म :
इस बीच, मणिपुर में करीब पांच माह से जारी यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) की आर्थिक नाकेबंदी रविवार मध्यरात्रि के बाद समाप्त हो गई। सेनापति जिला मुख्यालय में आयोजित केंद्र, राज्य सरकार और नगा समूहों की बातचीत के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि यूएनसी नेताओं को बिना शर्त रिहा किया जाएगा और आर्थिक नाकेबंदी को लेकर नगा जनजातीय नेताओं और छात्र नेताओं के खिलाफ चल रहे मामलों को खत्म किया जाएगा। राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के सात नए जिले बनाए जाने के फैसले के खिलाफ यूएनसी ने 1 नवंबर, 2016 को आर्थिक नाकेबंदी शुरू की थी।
खास बातें
1. 11 मार्च को मतगणना में बीजेपी 21 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी
2. कांग्रेस को 28 सीटें मिलीं, लेकिन राज्यपाल ने बीजेपी को न्योता दिया
3. 15 मार्च को बीजेपी नेता बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई