बिहार के पूर्वी मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नीतीश कुमार चुनावी मोड में आ गए हैं, इसलिए शराबबंदी में संशोधन की बात कर रहे हैं। वहीं, रामविलास भी दलितों को भरमाने में जुटे हैं।
मांझी ने कहा कि दलितों के उपर अत्याचार हो रहे हैं। कोरेगांव के लोगों को नक्सली के रूप में प्रताड़ित किया जा रहा है। अपनी मांगों को उठाने वाले दलितों को लोग नक्सली कह देते हैं। लेकिन इसकी चिंता किसी को नहीं है। केंद्र सरकार दलितों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए किसी तरह का कदम नहीं उठा रही है।
वहीं, बिना यूपीएसएसी के ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर मांझी ने कहा कि एक संवैधानिक संस्था के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। सिड्यूल कास्ट के लोग केंद्र के इस फैसले से आहत हैं।
बिहार में शराबबंदी को तालिबानी कानून बताते हुए मांझी ने कहा कि सरकार जनता से माफी मांगते हुए इसे खत्म करे। लोग मद्दनिषेध और बालू कानून को वापस करना चाहते हैं। इससे न केवल पिछड़े समाज के लोगों आर्थिक रूप से नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि उनके रोजगार पर भी संकट छा गया है।
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