लखनऊ। सत्ता बदलते ही समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की मुसीबतें बढ़ने लगी है। लगभग एक साल साल से पुलिस ने जो जांच रोक रखी थी, आका बदलते ही फिर से शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है।
मामला एक आईपीएस अफसर को फोन पर धमकी देने का है। सपा की सरकार होने के कारण जो पुलिस पहले वादी को ही प्रताड़ित करने में लगी थी अब कोर्ट में कह रही है कि अब वह अपनी तफ्तीश वादी की शिकायत के अनुसार की जाएगी।
ज्ञातव्य है कि वरिष्ठ आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने 10 जुलाई 2015 को हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि तत्कालीन सपा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के पिता मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन पर धमकी दी है।
पुलिस ने दबाव के बाद मुकदमा तो दर्ज कर लिया था, लेकिन उल्टे अमिताभ ठाकुर को ही रपेशान करने के साथ ही अक्टूबर 2015 को मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी।
हालांकि कोर्ट ने पुलिस से वादी और मुलायम के आवाज के नमूने लेकर उनकी विधि विज्ञान प्रयोगशाला से जांच करने का आदेश अगस्त 2016 को दिया था।
पुलिस ने कोर्ट के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस एक बार फिर सक्रिय हो गई है।
पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि अब वह मुलायम की आवाज के नमूने लेगी। यह बात इस मामले के विवेचक सीओ कृष्णानगर दिनेश कुमार सिंह ने सीजेएम लखनऊ संध्या श्रीवास्तव के सामने प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में कही है।
अब सत्ता परिवर्तन के बाद मामले में विवेचक दिनेश सिंह ने 30 मार्च 2017 की अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि वे अब तक चुनाव ड्यूटी और अन्य तफ्तीश में व्यस्त होने के कारण इस मामले में कार्रवाई नहीं कर सके थे।
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