दिल्ली के रामलीला मैदान में 11 और 12 जनवरी को दो दिवसीय महाधिवेशन हो रहा है. लगभग 13 हजार छोटे बड़े नेताओं की उपस्थिति में PM मोदी इस महा अधिवेशन का उद्घाटन करेंगे. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अध्यक्षीय भाषण से इस महाधिवेशन की शुरुआत होगी. इस बैठक में वरिष्ठ नेता आडवाणी, जोशी के अलावा केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक,संसदीय बोर्ड, राष्ट्रिय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य, सभी मेयर और जिला स्तर के नेता भी शरीक होंगे.
आज PM मोदी द्वारा ध्वजारोहण सबसे पहले होगा. उसके बाद दीप जलाकर वंदेमातरम का गान होगा. फिर अमित शाह का अध्यक्षीय भाषण होगा. इस भाषण में माना जा रहा है कि संगठन की मौजूदा स्थिति, मोदी सरकार की उपलब्धिया और 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान होगा.
उल्लेखनीय है कि भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब कुछ ही समय पहले पार्टी को हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस से पराजय का सामना करना पड़ा जहां उसकी सरकार थी. इसके साथ ही देश में राम मंदिर का मुद्दा भी सुर्खियों में है. इस विषय पर आरएसएस समेत हिन्दुवादी संगठन मंदिर निर्माण के लिये कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस किसानों की रिण माफी और राफेल सौदे को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है.
यह बैठक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से तेलुगु देशम पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, असम गण परिषद के अलग होने तथा शिवसेना, अपना दल (एस), ओमप्रकाश राजभर की अगुवाई भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के साथ तल्ख रिश्तों की पृष्ठभूमि में हो रही है. समझा जाता है कि इन्हीं चुनौतियों के बीच सरकार ने समान्य वर्ग के गरीब लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसला किया. इस संबंध में संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा की मंजूरी मिल गई है.

यह पहला मौका है जब भाजपा अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक को विस्तृत स्वरूप देने जा रही है. इसमें हर लोकसभा क्षेत्र के लगभग दस प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे. बैठक में सभी सांसदों, विधायकों, परिषद के सदस्यों, जिला अध्यक्षों व महामंत्रियों के साथ हर क्षेत्र के विस्तारकों को भी बुलाया गया है. भाजपा की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक 2 और 3 फरवरी को भुवनेश्वर में होगी जबकि ओबीसी मोर्चा की बैठक 15 और 16 फरवरी के पटना में होगी.
पार्टी की अनुसूचित जाति मोर्चा की बैठक 19 और 20 जनवरी को नागपुर में होगी जिसमें अमित शाह हिस्सा लेंगे. 21 और 22 फरवरी को भाजपा किसान मोर्चे का राष्ट्रीय अधिवेशन उत्तर प्रदेश में होगा, जिसको प्रधानमंत्री मोदी भी संबोधित करेंगे. 31 जनवरी और एक फरवरी को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में होगा.
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal