नई दिल्ली। अरूणाचल प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष तपीर गाओ ने राज्य में कांग्रेस सरकार बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह देश की सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन सरकार का कार्यभार संभालने से पहले नबाम तुकी को शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित करने की जरूरत है। गाओ ने गुरूवार को कहा कि भारत का नागरिक होने के नाते वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन कांग्रेस जिस प्रकार की मांगे रख रही है वह कानून के अनुसार पूरी नहीं हो सकती। राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा को बर्खास्त करने की कांग्रेस की मांग पर उन्होंने कहा कि यह तो संवैधानिक विशेषज्ञों को तय करना होगा कि राज्यपाल राजखोवा को बर्खास्त करना चाहिए या नहीं। कांग्रेस की मांगों के आधार पर यह फैसला नहीं लिया जा सकता। कानून के अनुसार ही पूरी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। वहीं, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर नबाम रेबिया ने कहा कि राज्य में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सरकार का गठन किया जाएगा। अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए रेबिया ने कहा कि मेरी भूमिका कभी विवादों में नहीं रही है। आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। अरुणाचल विधानसभा में ताला लगा होने पर रेबिया ने कहा कि सदन को जलाने की रिपोर्ट्स हमारे संज्ञान में आई थीं जिसके बाद वहां ताला लगा दिया गया था। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर नबाम तुकी ने बुधवार देर शाम नई दिल्ली स्थित अरूणाचल भवन में कार्यभार संभाल लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में फिर से कांग्रेस सरकार बहाल करने का आदेश दे दिया। साथ ही राज्य में 15 दिसंबर 2015 के बाद राज्यपाल द्वारा लिए गए सभी फैसलों को रद्द करने का निर्देश दिया है। जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा है कि राज्यपाल का समय से पहले विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला, उसकी पूरी प्रक्रिया असंवैधानिक थी। राज्यपाल ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है।