नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ सांसद शरद यादव ने आरोप लगाया है नोटबंदी की घोषणा से पहले ही लोगों की जानकारी मिल गई थी। उन्होंने इस लीकेज की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की है।
राज्यसभा में बुधवार को विमुद्रीकरण पर चर्चा के दौरान शरद यादव ने कहा कि सरकार के इस फैसले से जहां एक तरफ कालाधन बनाने वालों की 10 उंगलियां घी में हैं ।
वहीं नोटबंदी से दलालों का रोजगार बढ़ गया है। लाइनों में वह लोग खड़े हैं जो ईमान से पैसा कमा रहे हैं। बेईमान लोग चैन से हैं।
सरकार ने इतना न्यायसंगत तरीके से सोचा है कि वृद्ध, जवान, महिलाएं सभी एक साथ कतार में खड़े हैं। देश में 25 लाख ट्रक सड़कों पर खड़े हैं। सब्जी मंडियां बंद हैं।
कृषि उत्पाद खेतों में सड़ रहे हैं और किसान के पास अगली फसल बोने के लिए खाद-बीज खरीदने के लिए नकदी नहीं है। किसान बहुत कठिनाई में हैं और उनका भविष्य चौपट होने वाला है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत बंद करा दिया है| उद्योग व्यापार सब काम ठप हैं और लोग कतारों में खड़े हैं| इसका समाधान निकट भविष्य में निकलता नजर नहीं आ रहा है ताकि आम लोगों को कुछ राहत मिल सके।।
उन्होंने कहा कि देश में डेढ़ करोड़ शादियां हैं| प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि वह मां बहनों की मदद करेंगे| इसलिए अब उन्हें मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की सूचना घोषणा के पहले ही लीक हो गई थी, इसकी जांच होनी चाहिए। जांच समिति में हमारे जैसे व्यक्ति को शामिल करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा देश में 500 और 1000 रूपए के नोट बंद किए जाने के फैसले के बाद विपक्ष बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने में जुटा है। उच्च सदन में फिलहाल विमुद्रीकरण पर चर्चा जारी है।
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