शिवपाल सिंह यादव बुधवार दोपहर बाद जब विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने आवास से सैफई (इटावा) रवाना हुए तो उनकी कार पर सपा का झंडा नहीं था। माना जा रहा है कि जल्द ही सेकुलर मोर्चे का अपना झंडा तय हो जाएगा, जो उनकी और उनके समर्थकों की कार पर लगेगा।
शिवपाल इससे पहले ट्विटर हैंडल पर अपना परिचय बदलने के साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव को अनफॉलो कर चुके हैं। इन सारे कदमों से शिवपाल ने समाजवादी सेकुलर मोर्चे को आगे बढ़ाने का संदेश दिया है।
हालांकि मुलायम सिंह यादव और अन्य लोग परिवार व पार्टी में एका की कोशिशें कर रहे हैं। जल्द ही पारिवारिक बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इसमें अखिलेश यादव को भी बुलाया जा सकता है। सुलह का रास्ता तलाशने को आजम खां और संजय सेठ भी उनसे मिल सकते हैं।
शिवपाल ने 29 अगस्त को सेकुलर मोर्चा बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद वह बागपत, मुजफ्फरनगर, दिल्ली और इटावा का दौरा कर चुके हैं। सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान भी किया है। अपने समर्थकों से अक्तूबर में सेकुलर मोर्चा का बड़ा सम्मेलन करने की बात कह रहे हैं।
शिवपाल जैसे-जैसे सेकुलर मोर्चा को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं, उन्हें मनाने की कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। शिवपाल जन्माष्टमी पर इटावा गए थे लेकिन मुलायम के बुलावे पर लखनऊ आ गए। मुलायम से मिलकर वह बुधवार दोपहर बाद फिर सैफई चले गए।
शिवपाल के समर्थकों का कहना है कि सपा में सम्मान के सारे रास्ते बंद हो जाने पर ही सेकुलर मोर्चा बनाया गया है। अब शिवपाल पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि सपा में एक खेमा मानता है कि अलग होने से शिवपाल का नुकसान होगा।