मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावों में बीजेपी के कांग्रेस से पिछड़ने के बाद कहा कि उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा वोट जरूर मिले लेकिन हमें स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. लिहाजा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. संख्याबल के आगे सिर झुकाते हैं. लिहाजा मैं राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं. उन्होंने जिस अंदाज में ये बात कही उससे 1996 में वह अटल बिहारी वाजपेयी का वह भाषण याद आ गया जब उनकी 13 दिन पुरानी सरकार अपेक्षित बहुमत नहीं जुटा पाई तो उन्होंने लोकसभा में भाषण देते हुए कहा था कि जनता ने विपक्ष को जनादेश नहीं दिया था लेकिन लोकतंत्र में बहुमत का खेल होता है. ऐसे में हम संख्याबल के सामने शीश झुकाते हैं. मैं इसके साथ ही राष्ट्रपति के पास अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं. 
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि पराजय की जिम्मेदारी मेरी, मेरी और सिर्फ मेरी है. अब मैं पूरी तरह मुक्त हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं ने अनथक प्रयास किया. हमको वोट भी ज्यादा मिले. लेकिन स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. हम कमलनाथ को बधाई देते हैं.
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