लखनऊ। कैसरबाग स्थित पुरानी सदर तहसील में कमिश्नर शिविर कार्यालय बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इससे मंडल के जिले से आने वाले फरियादियों को राहत मिलेगी।
सदर तहसील की पुरानी इमारत पर बनने वाले शिविर कार्यालय के लिए नया प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। बजट के अभाव कारण पिछले वित्तीय वर्ष में इस प्रस्ताव को रोक दिया गया था।
कमिश्नर भुवनेश कुमार के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने शिविर कार्यालय बनाने के लिए खाका तैयार किया। पुरानी तहसील के 1। 18 लाख वर्ग फीट में प्रस्तावित शिविर कार्यालय के निर्माण में करीब साढ़े छह करोड़ रुपए की लागत आएगी। बता दें व्यस्त मार्ग के किनारे स्थित कमिश्नर दफ्तर तक लखनऊ समेत अन्य जिलों से आने वाले चंद फरियादी ही पहुंच पा रहे हैं। उनमें से भी कुछेक ही ऐसे हैं जिनकी फरियाद मंडलायुक्त तक पहुंच सकती है।
कमिश्नर दफ्तर के ही कुछ कर्मचारियों का कहना है कि यदि शिविर कार्यालय खुल जाए तो हजारों फरियादियों को राहत मिल जाएगी। शिविर कार्यालय के निर्माण के लिए पिछले वर्ष कमिश्नर भुवनेश कुमार ने दौरा भी किया था। पीडब्ल्यूडी से रिपोर्ट बनवाई, लेकिन आर्थिक कमी के कारण अभी यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया। कुछ माह पूर्व तत्कालीन कमिश्नर टी वेंकटेश ने सदर तहसील परिसर में शिविर कार्यालय बनाने का प्रस्ताव बनवाया था।
आम जनता को राहत मिलेगी
लखनऊ के अलावा सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर-खीरी जिले लखनऊ मंडल में आते है इन जिलों में जमीन, सम्पत्ति से जुड़े
जिन मामलों में जिला मुख्यालयों से राहत नहीं मिलती वे फरियादी कमिश्नर के यहां प्रार्थना पत्र लेकर आते हैं।
शिविर कार्यालय बन जाने से सुबह से शाम तक किसी भी समय फरियादी आ सकते हैं।
शिविर कार्यालय में कर्मचारियों की 24 घंटे तैनाती रहने से फरियादी आने से पहले फोन कर जानकारी दे सकता है।
नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है। शिविर कार्यालय के लिए दोबारा प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है।
-भुवनेश कुमार, मंडलायुक्त लखनऊ