चंडीगढ़ । सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को झटका देते हुए सतलुज यमुना लिंक नहर मामले में सुनवाई टालने की अपील को खारिज कर दिया है। पंजाब सरकार ने तर्क दिया था कि राज्य में अभी नई सरकार है।
अभी राज्य में लॉ ऑफिसर की नियुक्ति नहीं की गई है। लिहाजा, सुप्रीम कोर्ट में 12 अप्रैल को होने वाली सुनवाई को टाल दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की मांग को खारिज करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई निर्धारित तिथि पर ही होगी।
उल्लेखनीय है कि एस.वाई.एल. के मसले पर पंजाब व हरियाणा आमने-सामने हैं। पंजाब जहां नहर न बनाने की जिद पर अड़ा है तो हरियाणा किसी भी हाल में नहर बनाने की बात कर रहा है। पंजाब के साथ पिछले कई वर्षों से चल रहे इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल हरियाणा के हक में फैसला दिया था।
उस समय पंजाब इस फैसले के विरोध में खड़ा हो गया था और वहां के विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा खूब उछला था। हरियाणा का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सुप्रीम कोर्ट का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कराने की मांग को लेकर राष्ट्रपति और गृह मंत्री से मुलाकात कर चुका है।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर कर रखी है जिसमें अदालत के फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू कराने की मांग उठाई गई है। इस मामले की पहली सुनवाई 2 मार्च को और दूसरी सुनवाई 28 मार्च को तय हुई थी, लेकिन बेंच उपलब्ध न होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।
इसके बाद अब हरियाणा ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दिया। इसके मुताबिक यह करोड़ों लोगों के हितों से जुड़ा मामला है। इसलिए इसकी जल्द सुनवाई कर हरियाणा को उसका हक दिलाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया था।
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