नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर की गई नफरत भरे लेखन से संबंधित भारतीय दंड संहिता के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले की सुनवाई को स्थगित करने के लिए याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने मंगलवार को मामले को स्थगित करने की स्वामी की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले को 20 सितंबर, 2016 के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
उल्लेखनीय है कि काजीरंगा विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ संबोधन देने के मामले में असम के करीमगंज की अदालत में स्वामी के खिलाफ मामला चल रहा है। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है। उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है।