नई दिल्ली। हाल के दिनों में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि गैर-पारंपरिक खतरे एवं आतंकवाद दक्षिण पूर्व एशिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) द्वारा गुरूवार को यहां आयोजित 20वें ‘भारत-दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) क्षेत्रीय फोरम (एआरएफ) पर रक्षा विश्वविद्यालयों, कालेजों, संस्थाओं के प्रमुखों की बैठक में दिए अपने भाषण में श्री पर्रिकर ने हर जगह से आतंकवाद का विरोध करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और आतंकवादियों के नेटवर्क को नष्ट करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद आसियान क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। आसियान क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्थाएं अभी भी पर्याप्त रूप से आतंकवाद पर ध्यान नहीं दे रही हैं। इसे बदलने की जरूरत है। इस मौके पर उन्होंने आसियान देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया। आसियान में 10 दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र हैं। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, ब्रुनेई, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, वियतनाम तथा थाईलैंड शामिल है।
पर्रिकर ने अपने संबोधन में समुद्री सुरक्षा का मुद्दा भी उठाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों पर आधारित नौवहन की स्वतंत्रता, अधिक उड़ान और बेरोक वैध वाणिज्य का भारत समर्थन करता है। भारत विश्वास करता है कि देशों को बिना किसी बल के प्रयोग अथवा धमकियों के विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत केवल अपनी धरती, समुद्री इलाकों एवं हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध नहीं है बल्कि दूसरी क्षेत्रीय देशों के मदद के लिए भी वह अपनी क्षमताओं का प्रयोग करने में विश्वास रखता है। उन्होंने आसियान देशों से जलवायु परिवर्तन, अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया।
इस तीन दिवसीय बैठक में चीन, जापान, फिलीपींस, वियतनाम, रूस, यूरोपीय संघ और आसियान सचिवालय सहित 23 सदस्य देशों एवं संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। भारत ने आखिरी बार इसका आयोजन अक्टूबर 2003 में किया था। बैठक में ‘21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए सैन्य शिक्षा के परिवर्तन` पर चर्चा की जाएगी।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal