उरई। सीएम अखिलेश यादव के पास विकास के नाम पर केवल एक गाँव को चमकाने का उदाहरण है। यह गांव है सैफई जहाँ उनका परिवार रहता है।
अपने इस छोटे से पैतृक गांव को संवारने के लिए उन्होने 25 हजार करोड़ रुपये खर्च कर दिए जबकि पूरा प्रदेश उनकी सरकार में बदहाली पर आंसू बहाता रहा।
राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि सीएम के परिवार में झगड़ा करोड़ों रुपये की लूट के बटवारे को लेकर था। उन्होने अखिलेश यादव पर तंज़ कसा कि जब वे अपने पिता के नहीं हुए तो प्रदेश की जनता के क्या होंगे।
उन्होने पिता से साइकिल छीन ली और जीते जी उन्हे घर बैठने को मजबूर कर दिया जबकि वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक थे। उन्होने सपा कांग्रेस गठबंधन पर जमकर कटाक्ष किए । बिना नाम लिए उन्होने कहा कि कुछ महीने पहले कांग्रेस के एक बड़े नेता प्रदेश के कोने-कोने में खाट सभा कर कह रहे थे कि प्रदेश में गुंडों, माफ़ियाओं का राज है अब उसी सरकार के साथ उन्होने हाथ मिला लिया है।
उन्होने कहा कि यह लूट का गठबंधन है। सपा कांग्रेस से कहती है कि तुम्हें पूरे देश को लूटने का अनुभव है । तुम्हारा साथ मिल जायेगा तो हम प्रदेश में और ज्यादा लूट कर सकेंगे । भाजपा को उन्होने पूरी दुनियाँ में नंबर 1 की झूठी पार्टी बताया। कहा कि किसानों का एक रुपया कर्जा भए बेमुरव्वती से वसूला गया जबकि उद्योगपतियों के 1 लाख 65 हजार करोड़ रुपये चुटकियों में माफ कर दिये गए ।
उन्होने आरोप लगाया कि ललित मोदी और विजय माल्या को देश का अरबों रुपये ले कर भाग जाने में भाजपा पूरी मददगार रही है। उन्होने बसपा सुप्रीमो मायावती के लोक लुभावन वादों को सभा में दोहराकर लोगों को आकर्षित करने का प्रयास किया ।
उन्होने कहा कि बहन जी ने घोषणा की है कि सरकार आने पर सभी किसानों का 1 लाख रुपये तक का कर्जा माफ कर दिया जायेगा ताकि कोई भी आत्महत्या न करे। महिला शिक्षकों की नियुक्ति अविवाहित होने पर अपने जनपद में या पति की पोस्टिंग हो वहाँ की जायेगी। उन्होने कहा कि नोट बंदी के कारण तबाह लोगों के नुकसान की भरपाई बसपा की सरकार द्वारा की जायेगी।