इटावा । समाजवादी पार्टी में कुछ दिनों से शांत पड़ा घमासान मंगलवार को एक बार फिर सतह पर आ गया। पार्टी के जसवंतनगर विधानसभा से प्रत्याशी शिवपाल यादव ने चुनाव का पर्चा भरने के बाद एक बार फिर बिना नाम लिए अखिलेश पर निशाना साधा और कहा कि वह यूपी चुनाव के बाद अलग पार्टी बनाएंगे।
11 मार्च के बाद बनाएंगे नई पार्टी
पर्चा भरने के बाद शिवपाल ने अपने समर्थकों से कहा, ‘चुनाव नतीजों के बाद अखिलेश सरकार बना लें और मैं 11 मार्च को अलग पार्टी बनाऊंगा।’
बता दें कि 11 मार्च को 5 विधानसभा चुनावों के नतीजे आएंगे। उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी के कई अच्छे नेता दूसरे दलों से लड़ रहे हैं और मैं उनके लिए प्रचार करूंगा। जो जीतने वाले प्रत्याशी से उसे टिकट नहीं दिया गया है।’
सिंबल की लड़ाई हारने के बाद से ही शिवपाल पार्टी में एकदम अलग-थलग पड़ गए थे। सोमवार को तो यह अफवाह फैली थी कि वह लोक दल के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे है्ं। हालांकि शिवपाल ने इन अफवाहों को तुरंत ही खारिज कर दिया था।
शिवपाल यही नहीं रुके उन्होंने कहा, ‘मैं उन तमाम जगह प्रचार के लिए जाऊंगा जहां एसपी के मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव के करीबी लोग खड़े हैं।’
गलत काम रोकने के कारण हुआ बर्खास्त
उन्होंने कहा, ‘ मैं बर्खास्त इसलिए हुआ, क्योंकि गलत काम रोक रहे थे। हमारा समर्थन कर दिया नेताजी ने और उसी दिन से हम पर भी हमला। नेताजी पर भी हमला। कौन लोग हमला कर रहे थे, जिन्हें नेताजी ने अपना सबकुछ दे दिया। जब नेताजी को हटाने की कोशिश चली तो मैंने सीएम से कहा कि सबकुछ ले लो। टिकट का अधिकार भी ले लो। केवल नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना रहने दो। हमारा भी टिकट काट दो। पार्टी किसने बनाई, किसने संघर्ष किया, हम जानते हैं।’
कांग्रेस से गठबंधन से एसपी होगी कमजोर
शिवपाल ने भतीजे पर हमला करते हुए कहा कि सीएम ने कांग्रेस से गठबंधन कर एसपी को कमजोर कर दिया है। अलग पार्टी की बात करते हुए शिवपाल रो पड़े, उन्होंने कहा, ‘जानबूझकर मेरा कद छोटा किया जा रहा है। नेताजी का अपमान को सहन नहीं किया जाएगा। बहुत से साथी दुखी हैं। मुझे भले ही भीख मांगनी पड़े लेकिन अपने साथियों को किसी को परेशानी में नहीं रहने देंगे। कमीशनखोरों के कारण मुझपर दबाव बनाया गया। नेताजी ने जिन्हें बढ़ाया, धन दौलत कमाया वही उन्हें अपमानित कर रहे हैं।’
मुलायम ने भी बोला था हमला
बता दें कि राहुल-अखिलेश की रविवार को साझा प्रेस कान्फ्रेंस के कुछ घंटे बाद ही मुलायम ने कहा था कि समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने और जीतने में सक्षम है। इसीलिए पार्टी को किसी के साथ गठबंधन की कोई जरूरत नहीं थी। अखिलेश यादव के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे मुलायम सिंह यादव ने कहा कि इस गठबंधन से हमारी पार्टी के नेताओं को नुकसान होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे जो नेता हैं वह क्षेत्र में काम कर रहे थे। उनके टिकट कट गए हैं, अब वह क्या करेंगे? उन्होंने 5 साल के लिए मौका गंवा दिया।’ गठबंधन से नाराज मुलायम सिंह ने कहा कि मैं इस समझौते के खिलाफ हूं।