नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अगुस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में इटली की अदालत के फैसले में नामित भारतीय आरोपियों के खिलाफ अदालत की निगरानी में विशेष जांच कराए जाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने पेशे से वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका उस वक्त खारिज कर दी, जब सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच जारी है। सॉलिसिटर जनरल कुमार ने दलील दी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष टीम इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही आरोप-पत्र दायर किया जा सकता है। पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। इससे पहले इटली की मिलान अदालत के फैसले में जिन नेताओं का उल्लेख किया गया है, उनमें सिग्नोरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी जिक्र आया है। याचिकाकर्ता ने मामले में शामिल आरोपियों के राजनीतिक प्रभावों के मद्देनजर इसकी जांच सीबीआई से कराने या शीर्ष अदालत की निगरानी में कराने के निर्देश देने का न्यायालय से आग्रह किया था।
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