बलराम सिंह चौहान
लखनऊ। राजधानी में ईडी की विशेष कोर्ट में पेशी के बाद सोमवार को यादव सिंह को पुलिस अभिरक्षा में व्हील चेयर से बाहर ले जाया जाने लगा तो उनके समर्थकों और मीडिया के बीच फ ोटो खींचने को लेकर विवाद हुआ।
इसके बाद साथ चल रहे समर्थक वकीलों से भी भिड़ गए। इससे गुस्साए वकीलों ने यादव सिंह, उनके समर्थकों की पिटाई कर दी।
उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे सुरक्षाकर्मियों से भी धक्कामुक्की की गई। कुछ वकीलों ने ईडी के अफ सरों पर भी हाथ उठाया। हंगामे के बीच यादव सिंह बचने के लिए व्हील चेयर छोड़कर भागने लगे पर उनके रिश्तेदार किसी तरह उन्हें व्हीलचेयर से ही एम्बुलेंस तक ले गए। वकीलों का आरोप है कि यादव सिंह के कुछ समर्थकों ने दो वकीलों पर हमला बोला था।
इसके बाद ही बवाल बढ़ा। इस बवाल के बीच यादव सिंह की सुरक्षा में गाजियाबाद से आए पुलिसकर्मी भी कुछ नहीं कर पा रहे थे। परिसर में तैनात पुलिस मदद के लिए आई तो उनके सामने ही एक समर्थक की वकीलों ने पिटाई कर दी। वकीलों ने यादव सिंह को बचाने का प्रयास कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ भी हाथापाई की। इस दौरान यादव सिंह के साथ चल रहे ईडी के अफसरों के साथ भी धक्कामुक्की की गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वकीलों ने इन अफसरों पर भी हाथ उठाया।
गाजियाबाद से आए पुलिसकर्मी ने बताया कि यादव सिंह को स्लिप डिस्क की बीमारी थी जिसके कारण उन्हें व्हील चेयर से कोर्ट में ले जाया गया था। इस घटना के दौरान कोर्ट में काफ ी देर तक अफरा तफरी का माहौल रहा। यादव सिंह को कोर्ट के गेट नम्बर दो रोडवेज कार्यशाला से बाहर निकलते समय जब फोटोग्राफर और इलेक्ट्रानिक मीडिया के कैमरे उनकी तस्वीर लेने लगे तो उन्होंने अपना मुंह हाथ से छिपा लिया था। इस दौरान ही कुछ लोगों ने माइक लगाकर उनकी बाइट लेने की कोशिश की। इस दौरान ही समर्थकों ने गालीगलौज शुरू कर दी थी।
इस दौरान कुछ वकील आ गए तो समर्थक उनसे भी भिड़ गए थे। एक समर्थक ने वकीलों को धक्का देकर गिरा दिया था। इसके बाद ही बवाल शुरू हुआ। इस मामले में किसी पक्ष ने देर शाम तक कोई तहरीर नहीं दी थी।
एम्बुलंेस में बैठाकर भागे अधिकारी
यादव सिंह को देखकर अधिवक्ता आक्रोशित थे। धक्का-मुक्की के दौरान यादव सिंह के समर्थक अधिवक्ताओं से भिड़ गए। इससे अधिवक्ताओं का आक्रोश चरम पर पहुंच गया। तमाम अधिवक्ताओं ने उन्हें घेर लिया और जमकर पिटाई करने लगे। सुरक्षा में लगे अधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद यादव सिंह को बचाया और आनन-फानन में ए बुलेंस में बैठाकर ले गए।
माफिया डान और डेढ़ दर्जन आतंकवादी पहले से हैं बंद
करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे यादव सिंह सोमवार को डासना जेल से पेशी पर लखनऊ कोर्ट पहुंचे। यहां से न्यायालय ने उन्हें जेल रवाना कर दिया। यादव सिंह अब लखनऊ जेल की शोभा बढ़ाएंगे। पहले से ही मुख्तार अंसारी समेत दर्जन भर बाहुबली लखनऊ जेल में सजा काट रहे हैं। जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि जिला कारागार में करीब 20 आतंकवादी भी निरुद्ध हैं।
12 साल से जेल में हैं मुख्तार
बहुजन समाज पार्टी नेता और पूवांर्चल के बाहुबली मुख्तार अंसारी मौजूदा विधानसभा चुनाव मऊ सदर सीट से लड़ रहे हैं। कुछ समय पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी को चुनाव प्रचार के लिए पेरोल देने से इंकार कर दिया था। मुख्तार अंसारी पर नवंबर 2005 में कृष्णा नंदन राय की हत्या का आरोप है। इस मामले में अंसारी करीब 12 सालों से जेल में बंद हैं। कुछ समय पहले ही मुख्तार अंसारी को लखनऊ जेल लाया गया था।
काले धन का कुबेर
नोएडा अथॉरिटी का निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी में करीब 900 करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला था। छापेमारी में 2 किलो सोना, 100 करोड़ के हीरे, 10 करोड़ कैश के अलावा कई दस्तावेज मिले। 12 लाख रुपए सालाना की सैलरी पाने वाले यादव सिंह और उनका परिवार 323 करोड़ की चल अचल संपत्ति का मालिक बन बैठा। इसके बाद ही यादव सिंह से पूछताछ शुरू हुई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लम्बे समय से वह डासना जेल में बंद था।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर रहते हुए यादव सिंह ने दिसंबर 2011 में 92 करोड़ रुपए के अंडरग्राउंड केबल कॉन्ट्रैक्ट में भी नियमों का पालन नहीं किया गया था। प्रदेश में अखिलेश सरकार आने के बाद मायावती के कार्यकाल की जांच हुई। इसी दौरान यादव सिंह नपे।
2011 के उस घूस मामले पर यूपी पुलिस ने 13 जून 2012 को एफआईआर दर्ज किया। हैरतअंगेज तरीके से इसके कुछ ही महीने बाद 3 जनवरी को मामले की क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी गई और सरकार ने उसे 27 अप्रैल को स्वीकार भी कर लिया। आरोपों की वजह से यादव सिंह को डिमोट कर के प्रोजेक्ट मैनेजर बना दिया गया थाए लेकिन क्लोजर रिपोर्ट के मिलते ही उन्हें दोबारा चीफ इंजीनियर बना दिया गया।
यादव सिंह पर हैं ये मामले
आय से अधिक संपत्ति और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सीबीआई के दो केस में आरोपी यादव सिंह पर आपराधिक साजिश, हेराफेरी और धोखाधड़ी का आरोप है। सीबीआई ने यादव सिंह पर धारा 409, 420, 466, 467, 469, 481 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कराया था।
अतिसंवेदनशील बैरकों की शोभा बढ़ा रहे आतंकवादी
लखनऊ जेल में करीब 20 आतंकवादी भी अतिसंवेदनशील बैरकों में बंद हैं। इनमें अधिकांश लखनऊ कचहरी बम धमाके और रामपुर धमाके के सजायाफ्ता मुजरिम हैं। आतंकवादियों में आधा दर्जन से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक हैं।