लखनऊ। अब सम्पत्ति की रजिस्ट्री भी ऑनलाइन करा सकेंगे। इस योजना का ट्रायल कई जिलों में शुरू हो चुका है। अगर योजना सफल रही तो, एक अप्रैल से क्रेता और विक्रेता को सिर्फ इसके लिए हस्ताक्षर व बायोमैट्रिक कराने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय जाना होगा।
स्टांप, हस्ताक्षर और फोटो आदि की प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा करना होगा। इससे रजिस्ट्री कार्यालय में लगने वाली भीड़ से राहत मिलेगी। विभाग में काफी हद तक मैनुअली काम भी कम हो जाएगा।
निबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई जिलों में योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चालू किया गया है। एक अप्रैल से राजधानी समेत यूपी के सभी जिलों में ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की जानी है। अगर योजना सफल रही और शासन से हरी झंडी मिल गई तो राजधानी में एक अप्रैल से यह व्यवस्था चालू कर दी जाएगी।
डीआईजी ओपी सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था से मकान, दुकान, प्लाट और खेती की जमीन सहित अन्य संपत्ति खरीदने वालों को जल्द ही राहत मिलेगी। समय तो बचेगा हीए रजिस्ट्री कराने के लिए दस्तावेज लेखक और बिचौलियों के हाथों लूटने से बचा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि आवेदक को रजिस्ट्री दस्तावेजों को सत्यापन कराने के लिए रजिस्ट्रार आफिस जरूर जाना पड़ेगा। घर बैठे रजिस्ट्री कराने के लिए यूनिक आईडेंटी कोड यूआईडी के लागू होने के बाद कोई भी आवेदक ऑनलाइन सुविधा से घर बैठे रजिस्ट्री करवा सकेंगे। उक्त कोड न होने के कारण संपत्ति खरीदने वाले और बेचने वाले की जानकारी को पुख्ता करने के लिए अभी ऑनलाइन रजिस्ट्री में क्रेता-विक्रेता को सब रजिस्ट्रार के पास जाना जरूरी है।
ऐसे करा सकेंगे ऑनलाइन रजिस्ट्री
आवेदक को सबसे पहले निबंधन विभाग की वेबसाइट पर अपना पंजीयन कर यूजर आईडी और पासवर्ड रजिस्टर्ड कराना होगा। रजिस्ट्री वेबसाइट पर अपना पासवर्ड डालने के बाद आवेदक को अपनी संपत्ति का विवरण भरना होगा। इसके बाद वेबसाइट आवेदक को बताएगी कि उसकी संपत्ति का डीएम सर्किल रेट कितना है। इस पर कितने के स्टाम्प और रजिस्ट्री फीस लगेगी। आवेदक इन जानकारी के आधार पर ई स्टाम्प खरीदने के साथ-साथ ई रजिस्ट्री फीस भी जमा कर सकता है।
समय होगा आरक्षित
आवेदक अपनी सुविधा के अनुसार रजिस्ट्रार आफिस में जाने के लिए टाईम स्लाट बुक कर सकता है, जिसे सब रजिस्ट्रार अपने लॉग इन पर देखकर आवेदक के लिए समय आरक्षित रखेगा। इससे आवेदक का अमूल्य समय बचेगा। ई-स्टाम्प आप्टिकल बॉटम मार्किंग पेपर का होने के कारण पूरी तरह सुरक्षित है। यदि कोई इस पेपर की फोटो कॉपी करेगा तो उक्त कॉपी पर फोटो कॉपी लिखा हुआ आ जाएगा। इससे नकली स्टांप और फर्जीवाड़े की संभावना समाप्त हो जाएगी।
यह होगी सुविधा
ऑनलाइन प्रापर्टी का वैल्यूएशन, ऑनलाइन ई-स्टांप की खरीदी, ऑनलाइन रजिस्ट्री फीस जमा, ऑनलाइन प्रापर्टी का निरीक्षण, ऑनलाइन टाइम स्लाट बुकिंग।
कोट- ऑलाइन रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था प्रदेश के कुछ जनपदों में शुरू की जा चुकी है। राजधानी में काफी पहले से ट्रायल किया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल माह राजधानी में इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। ओपी सिंह, डीआईजी निबंधन
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