संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है। बीजेडी ने सदन से वॉकआउट कर दिया है। अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में पेश करते हुए तेलुगू देशम पार्टी सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश से किया वादा पूरा नहीं किया। संसद में मोदी सरकार के लिए आज पहली अग्नि परीक्षा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परीक्षा में अच्छे नंबरों के साथ पास होंगे, इस पर किसी को संदेह नहीं है। भाजपा ने ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है, पार्टी का दावा है कि नंबर उसके पास है और विपक्ष के दावों में कोई दम नहीं है। विपक्ष का इस परीक्षा में फेल होना तय है। लेकिन नंबर गेम में कमजोर विपक्ष मोदी सरकार को शब्दों के तीर से घायल करने की पूरी कोशिश करेगा। मोदी सरकार की ओर से लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राजनाथ सिंह, राकेश सिंह, वीरेंद्र सिंह मस्त और अर्जुन राम मेघवाल बहस में शामिल होंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अविश्वास प्रस्ताव पर उनकी पार्टी JDU के रुख के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हम सरकार के साथ हैं।
भाजपा नेता राकेश सिंह का बयान
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में जबलपुर से भाजपा सांसद राकेश सिंह ने कहा कि देश में कई बार अविश्वास आया, लेकिन इस बार ये बिल्कुल अलग है। अभी मैं गल्ला जी को सुन रहा था तो लगा कि इस अविश्वास प्रस्ताव को लाने की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, इसलिए आपातकाल का हमने पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने कहा कि गल्ला जी अभी कह रहे थे कि वह श्राप दे रहे हैं। आप तो तभी शापित हो गए जब आप कांग्रेस के साथ खड़े हुए। कांग्रेस ने देश को दागदार सरकार दी और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक दमदार सरकार दी है। कांग्रेस लंबे समय तक सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा देती रही। गरीबी तो नहीं हटी, लेकिन गरीब ही हाशिए पर आ गई। इससे दुखद बात क्या होगी कि देश की आजादी के लंबे समय बाद भी देश के 18000 गांव अंधेरे में डूबे थे। लेकिन मोदी सरकार ने मात्र 1000 दिन में इन गांव को बिजली से रोशन कर दिया। एक पार्टी की मांग के आधार पर, अन्य राज्यों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। हमारी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास पर जोर देते हुए देश का विकास किया है। देश के लोगों के लिए कई योजनाएं हमारी सरकार ने बनाई हैं, जिनका करोड़ों लोगों को लाभ मिल रहा है।
अविश्वास प्रस्ताव पर टीडीपी का भाषण
तेलुगू देशम पार्टी सांसद जयदेव गल्ला ने प्रस्ताव पर पार्टी का समर्थन करने वाले दलों का आभार जताते हुए कहा कि पहली बार सांसद बनने के साथ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करना मेरे लिए गौरव की बात है। जयदेव गल्ला ने लोकसभा में कहा कि चार कारणों से यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसमें विश्वास की कमी, भेदभाव, प्राथमिकता की कमी शामिल हैं। आंध्र की पांच करोड़ जनता के साथ धोखा किया गया। आंध्र प्रदेश का मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा है। ये भाजपा और टीडीपी की लड़ाई नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश से किया वादा पूरा नहीं किया, हमारे लिए यह भावनात्मक मुद्दा है। तेलंगाना नहीं आंध्र नया राज्य। आंध्र के समाने ज्यादा समस्याएं हैं। केंद्र ने आंध्र प्रदेश के साथ न्याय नहीं किया। आंध्र प्रदेश पर भारी आर्थिक कर्ज है, जनता के पास ज्यादा संसाधन नहीं हैं। मोदी सरकार आने के बाद प्रदेश की चुनौतियां बढ़ गई हैं। आंध्र प्रदेश के विभाजन को लेकर मोदी जी ने कहा था कि कांग्रेस ने मां को मार दिया और बच्चे को बचा लिया। उन्होंनेने कहा था कि मैं मां को बचाऊंगा। लेकिन आंध्र प्रदेश के लोग ठगे गए हैं, प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ इस तरह धोखा कैसे कर सकते हैं? अगामी लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश की जनता करारा जवाब देगी, हम धमकी नहीं श्राप दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन कर्नाटक चुनाव में जनार्दन रेड्डी और उनके लोगों को टिकट क्यों दिया गया। गल्ला ने लोकसभा में पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि क्या आपके वादों की कोई अहममियत नहीं है। उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में भी मोदी ने रैली में आंध्र के स्पेशल स्टेटस देने का वादा किया था। ऐसे में क्या आपको लगता है कि आंध्र प्रदेश के लोग आप पर भरोसा करेंगे? केंद्र ने हमारे खाते से पैसे वापस लिए जिससे राज्य को काफी वित्तीय नुकसान हुआ है। आंध्र के लिए जो परियोजनाओं लाने की बात की गई थी उसके लिए भी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। आंध्र प्रदेश के साथ बुंदेलखंड से भी ज्यादा भेदभाव हुआ है। हमें रेवेन्यू डेफिसिट की भरपाई के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं मिला। आंध्र प्रदेश में परियोजनाओं के लिए जितनी पैसे का एलान किया गया था उतना पैसा कभी नहीं दिया गया। पिछड़े इलाकों के लिए दिए जाने वाले पैकेज तक में कटौती की गई। पूरे फंड का सिर्फ 2-3 फीसद हिस्सा ही दिया गया, क्या इसे वादा पूरा करना कहते हैं। गुजरात में सरदार पटेल के लिए जितना पैसा दिया जा रहा है, उससे कम पैसा आंध्र की राजधानी अमरावती के लिए दिया जा रहा है। पीएम ने दिल्ली से भी बड़ी और अच्छी राजधानी बनाने का वादा किया था, उस वादे का क्या हुआ। मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का अनुरोध करता हूं।
शिवसेना करेगी अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार
शिवसेना ने संसदली दल की बैठक के बाद निर्णय लिया कि वो अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करेंगे और सदन से वोटिंग के समय गैरहाजिर रहेंगे। संजय राउत ने कहा कि हमारे सांसद सदन में नहीं जाएंगे। वोटिंग के समय हम गैरहाजिर रहेंगे। शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करेगी। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह फैसला लिया है। भाजपा के पास संख्याबल है और इस अविश्वास प्रस्ताव से कुछ होने वाला नहीं है। सदन से गैरहाजिर होकर हम तकनीकी तौर पर एनडीए सरकार के साथ हैं। हालांकि हम बहुत दुखी और आहत हैं।
भाजपा की बैठक
अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में होने वाली वोटिंग से पहले पीएम मोदी ने इसे लेकर बैठक बुलाई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में मोदी सरकार की रणनीति तय की जाएगी।
-कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले कहा कि 130 करोड़ भारतीयों के मुद्दे और इस सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए क्या यह समय हमारे लिए पर्याप्त है? हर पार्टी को (बोलने के लिए) 30 मिनट मिलने चाहिए थे।
-केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा, ‘जैसा कि राहुल जी ने कहा था कि भूकंप आएगा तो भूकंप जरूर आएगा और वह कांग्रेस में आएगा। एनडीए सरकार को उम्मीद से ज्यादा समर्थन मिलेगा।’
-केंद्रीय कानून और न्यायमंत्री ने कहा, ‘देश की जनता का विश्वास नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के साथ है। क्योंकि हमने ईमानदारी से काम किया है। देश आज तरक्की राह पर आगे बढ़ रहा है। लेकिन ईमानदारी से काम करने पर कांग्रेस को परेशानी होती है। लेकिन विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर आज संसद में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
-कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है। इस सरकार ने देश की जनता को धोखा दिया है। हमारे पास ढेरों मुद्दे हैं, जिनका जवाब हम मोदी सरकार से मांगेंगे।
-शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा के पास संख्याबल है और इस अविश्वास प्रस्ताव से कुछ होने वाला नहीं है। सदन से गैरहाजिर होकर हम तकनीकी तौर पर एनडीए सरकार के साथ हैं। हालांकि हम बहुत दुखी और आहत हैं।
ना तो प्रश्नकाल होगा, ना ही लंच ब्रेक
सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होगी। सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला मुख्य दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) आज लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगा और अध्यक्ष ने उसे बोलने के लिए 13 मिनट का समय दिया है। पार्टी की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस पर बोल सकते हैं। आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ना तो प्रश्नकाल होगा, ना ही लंच ब्रेक होगा। यहां तक कि शुक्रवार को होने वाला निजी विधेयक का समय भी अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया है। 11 से लगातार 6 बजे तक होगा भाषणों का दौर चलेगा।