लखनऊ। शहर में यातायात समस्या से जूझना कोई खास बात नहीं बल्कि रोजाना लोगों को घंटों जाम में खड़े होकर अपना समय व्यर्थ करना पड़ता है। स्कूलों की छुट्टी से लगने वाला जाम हो या फिर डग्गामार बसों के संचालन से लगने वाला जाम। समस्या आम आदमी को ही झेलनी पड़ती है। जहां एक ओर सूबे के मुखिया अखिलेश यादव 5 स्टार होटल जैसी सुविधाओं से लेस हाईटेक सचिवालय में पहली बैठक कर चुके हैं और न्यायिक प्रक्रिया के लिए नया कोर्ट भी तैयार है वहीं दूसरी ओर शहर वासी आए दिन ट्रैफि क समस्याओं का सामना करते हैं। अक्टूबर से शुरू होने वाली हाईकोर्ट लखनऊ बेंच की नई बिल्डिंग को लेकर जहां पूरा अमला लगा हुआ है वहीं इस नये कोर्ट से चंद कदम दूर वही समस्या दिखाई देती है जो एक समय कैसरबाग स्थित पुराने कोर्ट के पास थी। समस्या है अवैध ऑटो स्टैंड की। पुलिस और ट्रैफिक अधिकारी कोर्ट के आस-पास की पुरानी समस्या से निजात दिला पाएंगे इस पर कोई खास इंतजाम या कोई रणनीति ट्रैफिक पुलिस के पास दिखाई नहीं दे रही।
मटियारी चौराहे पर सजती हैं अवैध टैक्सियां-
नये कोर्ट के पास ही स्थित मटियारी चौराहे पर चलता है अवैध ऑटो स्टैंड। मौजूदा मंडलायुक्त भुवनेश कुमार सहित पूर्व में मंडलायुक्त रहे डॉ अनुप चन्द पांडे और महेश गुप्ता मटियारी पर चलने वाले अवैध टैंपो, ऑटो पर शिकंजा कसने के लिए कई बार सख्त निर्देश दे चुके हैं। लेकिन इनसे मिलने वाली महीनेदारी शायद जिम्मेदारों की आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं।
स्मार्ट सिटी के सर्वे के दौरान शहर में ट्रैफिक की समस्या उभर के सामने आयी थी। 2012 में नगर निगम की ओर से इन अवैध टैेम्पो स्टैंड को वैध कर इनका ठेका उठाने की बात चली थी। मकसद था कि एक तो टैक्सियों की संख्या क्षेत्र के हिसाब से निश्चित हो जाए और दूसरा कि इन स्टैंड को चलने के लिए दिए जाने वाली रंगदारी निगम के राजस्व में आये। आगरा और गोरखपुर जैसे शहरों में ऐसा प्रयास किया गया जिससे वहां के नगर निगमो को सालाना करोड़ो का फायदा भी हुआ और ट्रैफि क की समस्या पर अंकुश भी लग सका। बात सिर्फ मटियारी चौराहे की ही नहीं है। इस सर्वे में पूरे शहर भर में लगभग 22 जगह अवैध टेम्पो स्टैंड चिन्हित किये गए थे। इनमें मुनीशीपुलिया, पॉलिटेक्निक, खुर्रमनगर, इंजीनीरींग कॉलेज, अलीगंज, आईटी चौराहा, डालीगंज, चौक, दुबग्गा, बालामऊ, ठाकुरगंज, चारबाग, आलमबाग, बाराबिरवा, बंगला बाजाार सरोजनी नगर, पारा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार-
मंडलायुक्त भुवनेश कुमार ने बताया कि ट्रैफिक जाम की समस्या सबसे बड़ी चुनौती है। प्रतिबंधित वाहनों पर रोकथाम करना जरूरी है। साथ ही शहर में चल रहे अवैध स्टैंड भी जाम का कारण बनते हैं। इसके लिए सभी जिम्मेदार विभागों को आदेशित कर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी।अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इस विषय पर वह अधिक जानकारी लेने के बाद चर्चा करेंगे।आरटीओ एके त्रिपाठी ने बताया कि समय समय पर हम बाहरी जनपद और प्रतिबंधित वाहनों के खिलाफ अभियान चलाते रहते है।
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