यूपी के कानपुर शहर में अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शा जब्त कर नष्ट किए जाएंगे। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस शनिवार से अभियान चलाएगी। शहर की ध्वस्त पड़ी यातायात व्यवस्था को लेकर कलक्ट्रेट में हुई बैठक में यह फैसला हुआ।
बैठक में जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने कहा कि ई-रिक्शा की अराजकता से यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसलिए अवैध ई-रिक्शा जब्त कर नष्ट कराते हुए कबाड़ियों को दे दिया जाए। वहीं, यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का डिजिटल बायोडाटा तैयार करने को कहा।
इसके तहत पहली बार यातायात नियम के उल्लंघन पर चालान, दूसरी बार तीन माह के लिए डीएल जब्त और तीसरी बार नियम तोड़ने पर चालान राशि चार गुना वसूली जाए।
होटल अस्पताल के सामने सड़क किनारे वाहन पार्किंग पर कार्रवाई
जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने कहा कि कई व्यस्ततम मार्गों पर आसपास ही कई स्कूल हैं। इनके संचालकों से कहा जाए कि वे छुट्टी के समय में 15 से 20 मिनट का अंतर करें। किसी भी होटल, अस्पताल और अन्य प्रतिष्ठान के सामने सड़क किनारे वाहन पार्किंग पर कार्रवाई की जाए। बैठक में नगर आयुक्त संतोष कुमार, एडीएम सिटी विवेक कुमार श्रीवास्तव, केडीए सचिव केपी सिंह, एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार मौजूद रहे।
सीएसआर फंड से खरीदेंगे नई ई-चालान मशीनें
बैठक में एसएसपी अनंत देव ने कहा कि शहर में आईटीएमएस के तहत अभी दो चौराहों पर ही ई-चालान की व्यवस्था है। आठ और व्यस्ततम चौराहों पर यह व्यवस्था लागू कराने के लिए नगर निगम तेजी से काम कराए। हालांकि, इसमें अभी समय लगेगा। तब तक सीएसआर फंड से ई-चालान मशीनें खरीदकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाए।
सात हजार अवैध ई-रिक्शे
शहर में करीब सात हजार अवैध ई-रिक्शे हैं। एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने बताया कि सात हजार 743 ई रिक्शे ही रजिस्टर्ड हैं। अवैध रूप से चोरी-छिपे बनाए गए ई-रिक्शे 60 हजार रुपये में मिल जाते हैं। जीएसटी और अन्य खर्चे न पड़ने के कारण यह सस्ता पड़ता है। डीलर द्वारा बनाए गए ई-रिक्शा वैध माने जाते हैं। इसकी कीमत करीब सवा लाख रुपये होती है। एआरटीओ दफ्तर में यही ई-रिक्शे रजिस्टर्ड हैं।