लखनऊ.मायावती ने शनिवार को यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सपा के 5 साल के और मोदी के ढाई साल के कार्यकाल के दौरान दोनों ही सरकारों ने गरीबों, दलितों, पिछड़ों और किसान विरोधी नीतियों को अपनाने का काम किया है। केंद्र सरकार आरक्षण खत्म करने पर आमादा है। इससे प्रदेश की 22 करोड़ जनता में गुस्सा है। यही वजह है कि बीजेपी यूपी में अपना सीएम कैंडिडेट का एलान नहीं कर पा रही। जनता उन्हें सबक सिखाएगी।’
– मायावती ने कहा, “प्रदेश की सपा सरकार में शुरू से ही अराजक, अपराधी और भ्रष्ट वाली हुकूमत रही है। अब तक प्रदेश में 500 छोटे-बड़े दंगे हुए हैं।”
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– “केंद्र की मोदी सरकार आरक्षण खत्म करना चाहती है। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश की जनता आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएगी।”
– “कांग्रेस ने पहले शीला दीक्षित को सीएम कैंडिडेट के रूप में पेश किया, लेकिन सपा से गठबंधन करने के लिए अखिलेश यादव जो एक दागी चेहरा है, उस पर हामी भर दी।”
– “ये तो जाहिर है कि बिहार में नीतीश कुमार ने कांग्रेस की नैय्या को पार लगा दिया था, लेकिन अब ये सवाल उठने लगा है कि प्रदेश की जनता को इन सरकारों को क्या जवाब देगी।”
– “अखिलेश बीजेपी नेताओं को बचाने का दोषी है। इसीलिए वो आरोपी फिर चुनाव में उतर रहे हैं। यूपी की जनता को इनकी आंख खोलनी चाहिए।”
– “बसपा को रोकने के लिए विरोधी पार्टियां मिलीभगत कर चुनाव लड़ना चाहती हैं।”
– बता दें कि मुलायम के करीबी माने जाने वाले अंबिका चौधरी ने बीएसपी ज्वाइन कर ली।
जनता सिखाएगी सबक
– मायावती ने कहा, “5 साल से त्रस्त प्रदेश की जनता को सपा को वोट नहीं देना चाहिए। सपा के पूर्व प्रमुख मुलायम सिंह के चलते शिवपाल यादव बलि का बकरा बन गए।”
– “शिवपाल को जनता की नजरों में पूरी तरह से गिराने की कोशिश की गई है। जनता अखिलेश खेमे को सबक सिखाएगी। इनका बेस वोट भी दो खेमों में बंटकर रह जाएगा।”
– “सपा को जो वोट देता है, उसका वोट खराब होगा और इसका फायदा बीजेपी को पहुंचेगा। बीजेपी को रोकने के लिए अल्पसंख्यकों को बसपा को वोट देना चाहिए। बसपा का वोट इधर-उधर जाने वाला नहीं है।”