आरडी बर्मन का जन्म आज ही के दिन कोलकाता में म्यूजिशियन सचिन देव बर्मन के घर हुआ था। बर्मन की मां मीरा भी संगीत में रुची रखती थीं। बर्मन के माता-पिता को संगीत के प्रति बहुत लगाव था और वही बर्मन के अंदर भी था। बर्मन के पैदा होने के बाद उन्हें लोग प्यार से टुबलू नाम से बुलाते थे बाद में वो पंचम निक नेम से पहचाने जाने लगे। ये इंडस्ट्री में भी पंचम नाम से फेमस हो गए। बर्मन का नाम पंचम कैसे पडा़ ये बड़ा ही इंट्रस्टिंग किस्सा है। दरअसल बचपन में आरडी बर्मन जब भी रोते थे तो उनके मुंह से ‘पा’ की आवाज आती थी। ‘पा’ सरगम का पांचवां नोट होता है इसलिए ये पंचम के नाम से पहचाने जाने लगे। 
आरडी बर्मन। फोटो : मिड डे
नौ की उम्र में किया पहला गाना कंपोज
पंचम दा जब नौ साल के थे उन्होंने पहला गाना कंपोज किया था। उस गाने के बोल थे ‘ऐ मेरी टोपी पलट के आ।’ उनका ये गाना उनके पिता एसडी बर्मन ने अपनी एक फिल्म में भी इस्तेमाल किया। साल 1956 में रिलीज हुई फिल्म ‘फनटूश’ में एसडी बर्मन ने ये गाना फिल्माया था। बाद में पंचम ने गाना ‘सर जो तेरा चकराए’ कंपोज किया था। मिड डे के मुताबिक पंचम के पिता ने इस गाने को भी 1957 में आई फिल्म ‘प्यारा’ में जगह दी पर पंचम को उसका क्रेडिट नहीं दिया। इसके बाद पंचम ने कई फिल्मों के गानें कंपोज कर हिट बनाए। पंचम ने 1959 में रिलीज हुई फिल्म ‘फूल के कागज’, 1963 में ‘बंदिनी’ और 1965 में ‘गाइड’ के संगीत में बतौर असिस्टेंट म्यूजिशियन काम किया। पंचम के बारे ये बात कम ही लोग जानते हैं कि वो माउथ ऑरगन भी बजाते थे। पंचम के करियर में एक ऐसा भी वक्त आया जब उन्हें लगा कि अब इंडस्ट्री को उनकी जरूरत नहीं है, इस बात का खुलासा अमिताभ ने एक इंटरव्यू में किया था।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal