सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता में सात न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ कोलकता हाई कोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई करने जा रही है.
भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है. दरअसल कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन पिछले कुछ वर्षों से कई बार विवादों के घेरे में आए हैं.
उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कॉल समेत कई और जजों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की और आरोप लगाए. हाल ही में जस्टिस संजय कॉल को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया है.
जस्टिस सीएस कर्णन पहले मद्रास हाई कोर्ट में ही पदस्थापित थे. वहां उन्होंने जस्टिस संजय कॉल पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. जब सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्नन का तबादला कोलकाता किया तो उन्होंने उस फैसले पर ही रोक लगा कर अजीबोगरीब स्थिति पैदा कर दी. हालांकि बाद में माफी मांगते हुए वे कोलकाता चले गए.
आम तौर पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज को हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित कराना पड़ता है. इसके लिए दोनों सदनों से दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित होना जरूरी है.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले खुद ही सुनवाई का फैसला किया है.
बुधवार को इस मामले की सुनवाई हो रही है.